बिहार में शराबबंदी के खिलाफ BJP से उठी आवाज, झारखंड के सांसद निशिकांत ने कहा- कानून में संशोधन जरूरी
बिहार में शराबबंदी कानून के खिलाफ झारखंड के बीजेपी सांसद ने आवाज उठाई है। गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि शराबबंदी कानून में संशोधन जरूरी है। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस कानून को लेकर बेहद सख्त हैं।
पटना, जेएनएन। विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) के रिजल्ट के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुछ नेता दबाव की राजनीति करते नजर आने लगे हैं। झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (BJP MP Nishikant Dubey) ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून (Liquor Ban Law) को हटाने की मांग कर दी है। विदित हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) शराबबंदी के पक्ष में हैं। यह उनका चुनावी मुद्दा भी रहा है। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में शराबबंदी कानून को लागू किया था। लेकिन बीजेपी की तरफ से इस कानून के खिलाफ आवाज उठने लगी है।
सांसद निशिकांत दुबे ने की कानून में संशोधन की मांग
झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी कानून में कुछ संशोधन करें। उनके अनुसार जिनको पीना या पिलाना है, वे नेपाल, बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ चले जाते हैं। इससे राजस्व की हानि होती है। होटल उद्योग प्रभावित होता है। पुलिस व एक्साइज विभाग भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देते हैं।
शराबबंदी कानून को लेकर सख्त रहे हैं नीतीश कुमार
विदित हो कि शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद से इसे हटाने या इसमें संशोधन की मांग उठती रही है। लेकिन नीतीश कुमार इस कानून को लेकर सख्त रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी शराबबंदी बड़ा मुद्दा बना। एक ओर नीतीश कुमार शराबबंदी के फायदे गिना रहे थे तो विपक्ष हमलावर था। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने तो यहां तक कहा कि शराबबंदी के कारण बेरोजगार युवा शराब तस्कर बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और उनके मंत्री बिहार में शराबबंदी के बाद के हालात से अवगत हैं, लेकिन मौन धारण किए हुए हैं। चिराग के इस हमले पर पलटवार करते हुए नीतीश कुमार ने उन्हें बच्चा तक कहा था। नीतीश कुमार ने तंज भरे लहजे में कहा था कि अगर ऐसे बयानों से किसी बच्चे को प्रचार मिलता है तो इसमें बुरा क्या है?