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भोजपुर में 3397 शिक्षकों का फोल्‍डर स्‍वीकारने से निगरानी ने किया इंंकार, मुखिया व प्रमुखों में हाहाकार

पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर शिक्षक नियोजन में गड़बड़ी की जांच विजिलेंस कर रहा है। इस बीच शिक्षकों का डाटा अपलोड किया जा रहा है। इसी क्रम में भोजपुर में 3397 शिक्षकों का फोल्‍डर स्‍वीकार करने से निगरानी ने इन्‍कार कर दिया है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 11:24 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 11:24 AM (IST)
भोजपुर में 3397 शिक्षकों का फोल्‍डर स्‍वीकारने से निगरानी ने किया इंंकार, मुखिया व प्रमुखों में हाहाकार
शिक्षक नियोजन की चल रही निगरानी जांच। प्रतीकात्‍मक फोटो

आरा, जागरण संवाददाता। शिक्षकों का नियोजन करने वाले मुखिया व प्रखंड प्रमुखों में हड़कंप है। निगरानी ब्यूरो को फर्जी शिक्षकों की बहाली में इन दोनों द्वारा मेधा सूची में हेराफेरी करने की आशंका है। ऐसे में निगरानी विभाग ने भोजपुर जिले के 3397 शिक्षकों का फोल्डर स्वीकार करने से इंकार कर दिया है। इससे शिक्षक, मुखिया और प्रखंड प्रमुखों के दम फूलने लगे हैं। गड़बड़ी करने वाले लोगों की नींद उड़ गई है। शक के दायरे में शिक्षा विभाग के सहायक और अधिकारी भी हैं। निगरानी विभाग वर्ष 2016 के बाद अपलोड फोल्डर को स्वीकार करने से इंकार किया है।दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को आगामी 20 जुलाई तक विभाग के एप पर फोल्डर अपलोड करने का निर्देश दिया है। इससे शिक्षकों को राहत मिली है।

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मेधा सूची में गड़बड़ी करने वालों में हड़कंप

इतनी संख्या में फोल्डर को अपलोड नहीं करने के पीछे पंचायत सचिव व प्रखंड सचिवों की लापरवाही बताई गई है। निगरानी ने शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों के फोल्डर के साथ मेधा सूची की मांग की है। इससे शिक्षक समुदाय भड़क गया। हालांकि प्रमाण पत्र तो शिक्षकों के पास होता है, लेकिन मेधा सूची का ब्योरा पंचायत सचिव और बीईओ के पास होता है। दोनों मुखिया और प्रखंड प्रमुखों के मातहत काम करते हैं। शिक्षा विभाग के कार्यालय में हड़कंप का कारण प्रमाण-पत्रों के फोल्डर मांगना नहीं, बल्कि फर्जी तरीके से मेधा सूची का निर्माण है। इसलिए मेधा सूची मांगे जाने के बाद मुखिया और शिक्षकों में हड़कंप लाजिमी है। 

3397 फोल्डरों पर विवाद

भोजपुर जिले में प्राथमिक और मध्य विद्यालय में वर्ष 2003 से 2015 तक 9735 शिक्षकों को संविदा पर बहाल किया गया। इसमें वर्ष 2016 तक 5333 फोल्डर को जिला शिक्षा कार्यालय ने विभाग के एप पर अपलोड किया गया। शेष 4402 फोल्डर का डाटा अपलोड नहीं किया। उच्‍च न्यायालय के आदेश से निगरानी विभाग ने जब शिक्षा विभाग से फोल्डरों की मांग की तो शेष फोल्डरों को अपलोड करने की कार्रवाई शुरू की गई। इसमें शिक्षा विभाग ने 1005 लोगों को मृत अथवा नौकरी छोड़ने वाला बताया। शेष 3397 फोल्डरों को पिछले दिनों अपलोड किया है  जिसको लेकर विवाद है। 

इन प्रखंडों से निगरानी को अप्राप्त फोल्डर

आरा में 442, शाहपुर में 386, अगिआंव में 291, जगदीशपुर में 288, उदवंतनगर में 270, पीरो में 241, संदेश में 226, चरपोखरी में 224, कोइलवर में 200, सहार में 181, बिहिया में 175, तरारी में 169, बड़हरा में 154, गड़हनी में 150


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