Muzaffarpur Aankh Kand: मुजफ्फरपुर आंख कांड में सरकार का बड़ा फैसला, पीड़ितों को मिली राहत
Muzaffarpur Aankh Kand मुजफ्फरपुर आंख कांड पर बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब इस प्रकरण के पीड़ितों को इलाज के लिए कही भी भटकना नहीं होगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए प्लान तैयार कर लिया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। मुजफ्फरपुर आंख कांड के पीडि़तों का इलाज पटना में सरकारी खर्च पर कराया जाएगा। पटना के अलावा यदि आंखों को बचाने के लिए मरीजों को बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजना पड़ेगा तो उस पर भी आने वाला खर्च प्रदेश सरकार ही वहन करेगी। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को विभाग के अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक के साथ ही विभाग के दूसरे आलाधिकारियों के साथ मुजफ्फरपुर आंख कांड की समीक्षा की।
बैठक में मंत्री को पूरे प्रकरण से अवगत कराया गया। बताया गया कि आंखों का आपरेशन कराने वाले जिन लोगों को संक्रमण हुआ था, उनमें से 15 लोगों की एक-एक आंख निकाली जा चुकी हैं। कुछ और मरीज मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से जल्द ही कुछ लोगों का आपरेशन करना होगा, क्योंकि संक्रमण बढ़ा है।
- आंखें बचाने के लिए बाहर भेजने की आई नौबत तो सरकार भेजेगी बाहर
- स्वास्थ्य मंत्री ने की मुजफ्फरपुर कांड की समीक्षा, अधिकारियों को दिए निर्देश
इसके बाद मंत्री ने निर्देश दिए कि मुजफ्फरपुर के आइ हास्पिटल में जितने भी लोगों का आपरेशन किया गया है उन्हें चिह्नित कर लें। पहचान होने के बाद सबको पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराकर इनका इलाज कराया जाए। मंत्री ने कहा कि यदि किसी मरीज की आंखें सुरक्षित रखने के लिए उसे बाहर भेजने की नौबत आती है तो तत्काल इसका प्रबंधन करें। उन्होंने कहा पीडि़तों के इलाज पर जो भी खर्च आएगा उसका वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के स्तर पर मुजफ्फरपुर आंख कांड की समीक्षा की गई है। निर्देश के आलोक में पीडि़त मरीजों की पहचान शुरू कर दी गई है। सभी लोगों को मुजफ्फरपुर से पटना लाकर आइजीआइएमएस में इलाज के लिए भर्ती किया जाएगा।