सब्जियों को राम राम, चना-बड़ी से चल रहा काम
परवल कैसे है? विक्रेता ने जवाब दिया-100 रुपये। बाप रे यह तो और महंगा हो गया
पटना। परवल कैसे है? विक्रेता ने जवाब दिया-100 रुपये। बाप रे, यह तो और महंगा हो गया। बोरो? 80 रुपये। फिर सवाल-सस्ती सब्जी कौन है? आलू 35 रुपये, प्याज 40 रुपये। मीठापुर सब्जी मंडी में मैडम हैरानी के साथ बोलीं-अब सब्जी खाना छोड़ना पड़ेगा। विक्रेता ने भी मायूसी से कहा-क्या करें, थोक में ही भाव तेज है। अन्य सब्जी मंडियों का भी कमोवेश यही हाल है। खरीदारों को अब आधा किलो सब्जी लेने में भी सोचना पड़ रहा है। बीते एक सप्ताह में अधिकांश सब्जियां 20 रुपये किलो तक महंगी हो गई हैं।
मीठापुर सब्जी मंडी के थोक विक्रेता संजय कुमार ने कहा कि बरसात के मौसम वाली सब्जियां खत्म हो रही हैं। बाढ़ और बारिश से भी फसल को नुकसान पहुंचा है। जाड़े के मौसम वाली सब्जियां अभी बहुत कम आ रही हैं। सब्जियों की आमद सामान्य की तुलना में 50 फीसद कम है। दूसरी ओर लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद खरीदारों की संख्या बढ़ गई है, हालांकि महंगाई के कारण पाव और आधा किलो मे ही खरीदारी हो रही है। तेजी का यह सिलसिला तब तक चलता रहेगा, जब तक कि जाड़े के मौसम वाली सब्जियों की आमद भरपूर न हो जाए। अशोक नगर की प्रेमलता देवी ने कहा कि हमलोग तो परवल जब 80 रुपये था तभी से सब्जियों की खरीदारी आधी कर दिए हैं। चना, सोयाबीन बड़ी, बेसन की सब्जी बन रही है। यह भी सस्ता नहीं है, लेकिन किया क्या जाए? सुनंदा देवी ने कहा कि सब्जियों की खरीदारी कम कर दी हूं। अब सत्तू पराठा, तीसी पराठा, आलू पराठा के साथ मूंगफली की चटनी से शाम को काम चला लेती हूं। सिर्फ दिन में सब्जी बनती है।
सब्जी और भाव
मीठापुर मंडी, भाव प्रति किलो रुपये में
परवल : 100 रुपये
टमाटर : 80 रुपये
बोरो : 80 रुपये
बैंगन : 60 रुपये
मूली : 60 रुपये
कद्दू पीस : 30 से 40
फूलगोभी पीस : 50 से 60
करेला : 70 से 80
भिंडी : 60 रुपये
नेनुआ : 60 रुपये
आलू : 35 रुपये
प्याज : 40 रुपये
हरा मिर्च : 100 रुपये
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