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आमद घटने और खपत बढ़ने से सब्जियों में तेजी

कोरोना काल में बाजार का लोगो... --------- -शुरुआती दौर में खरीदारों के हाथ खींचने से भाव घटे तो अब 40 से 70 रुपये मिल ही सब्जियां --------- - अगस्त में सब्जी बाजार का गणित तेजी से बदला बाढ़ से फसल हुई बर्बाद -कारोना का डर धीरे-धीरे कम होने से सब्जियों की अधिक होने लगी खरीदारी --------- -40 से 50 फीसद सामान्य की तुलना में सब्जियों की आमद कम -10 से 15 रुपये महंगी हो गई अगस्त की तुलना में अधिकांश सब्जियां -------- जागरण संवाददाता पटना

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 07:53 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 07:53 AM (IST)
आमद घटने और खपत बढ़ने से सब्जियों में तेजी
आमद घटने और खपत बढ़ने से सब्जियों में तेजी

पटना । कोरोना काल में ही सब्जियों की दो तस्वीर देखने को मिल रही है। शुरुआती दौर में खरीदारों के हाथ खींच लेने से जहां अधिकांश सब्जियों के भाव दस रुपये प्रति किलो के आसपास आ गए थे, वहीं अब 40 से 70 रुपये चला गया है। भाव में तेजी की मूल वजह खपत बढ़ना और आमद में कमी होना है।

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नरमी के बाद तेजी

मार्च, अप्रैल और मई में नरमी थी। दस रुपये किलो अधिकांश सब्जियां मिल जाती थीं। दरअसल, कोराना संक्रमण के डर से लोग सब्जियों की खरीद बहुत कम कर रहे थे। जून, जुलाई में कुछ खपत बढ़ी तो यही सब्जियां 15 से 20 रुपये किलो पर पहुंच गई। अगस्त में सब्जी बाजार का गणित तेजी से बदला। बाढ़ के कारण सब्जियों की पैदावार कई इलाकों में बर्बाद हो गई। बाढ़ जहां नहीं थी, वहां बारिश ने पौधों को पीला कर दिया और पैदावार कम निकलने लगी। दूसरी ओर कारोना का डर भी धीरे-धीरे कम होने से लोग सब्जियों की खरीदारी अधिक करने लगे। इस तरह से खपत बढ़ने और आमद घटने से भाव बढ़ने लगे। आपूर्ति हुई बाधित

सितंबर में भाव अचानक उछल गए। फिलहाल सप्लाई चेन ढीली है। मीठापुर मंडी के थोक सब्जी विक्रेता संजय कुमार का कहना है कि अभी सामान्य की तुलना में 40 से 50 फीसद सब्जियों की आमद कम है, जबकि खरीदार बढ़ गए हैं। भले ही भाव में तेजी की वजह से कम मात्रा में सब्जी की खरीदारी हो रही हो लेकिन ग्राहक की संख्या पूर्वस्तर पर पहुंच गई है। अगस्त की तुलना में अधिकांश सब्जियां 10 से 15 रुपये के करीब महंगी हो गई हैं।

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आगे नरमी की उम्मीद

विक्रेताओं का कहना है कि आगे सब्जियों में नरमी की उम्मीद है। बाढ़ का पानी निकलने लगा है, बारिश भी भादो के बाद थम जाएगी। इस तरह से जाड़े के मौसम वाली सब्जियों की आमद बढ़ेगी। ठंड का मौसम शुरु होते ही पैदावार में भारी वृद्धि होगी और फिर अधिकांश सब्जियां दस से बीस रुपये किलो के बीच में आ जाएंगी।

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खरीदारी में कटौती

-मीठापुर मंडी में सब्जी खरीद रही महिला सुजाता देवी ने कहा कि पिछले माह की अपेक्षा सब्जियां कम खरीद रही हूं। सब्जी एक किलो लेती थी वह आधा किलो या तीन पाव ले रही हूं।

फोटो के साथ...

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-सीमा सिंह ने कहा कि अब हर रोज सब्जी नहीं बनती है। किसी दिन रात में दूध रोटी से ही काम चल जाता है। दिन में दाल के साथ ही सिर्फ एक भाजी ही बनती है। कटौती के साथ सब्जियों की खरीदारी कर रही हूं। क्या किया जाए, सस्ता क्या है। फोटो के साथ

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कोट

कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से बहुत परेशानी हुई है। साथ ही थोक विक्रेताओं को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा। अब धीरे-धीरे बाजार सुधरा है, सब्जियों की खपत बढ़ी है। उम्मीद है कि जल्द ही बाजार पूर्वस्तर पर आ जाएगा।

- राम कुमार साव, थोक विक्रेता, मीठापुर मंडी


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