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गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह पंचतत्‍व में विलीन, राजकीय सम्‍मान के साथ हुआ अंतिम संस्‍कार

प्रसिद्ध गणितज्ञ वशिष्‍ठ नारायण सिंह का गुरुवार को पीएमासीएच में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्‍कार शुक्रवार को पैतृक गांव आरा के बसंतपुर स्थित महुली गंगा घाट पर किया गया।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 09:26 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 10:21 PM (IST)
गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह पंचतत्‍व में विलीन, राजकीय सम्‍मान के साथ हुआ अंतिम संस्‍कार
गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह पंचतत्‍व में विलीन, राजकीय सम्‍मान के साथ हुआ अंतिम संस्‍कार

भोजपुर [जेएनएन]। महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का निधन गुरुवार को पटना मेडिकल कॉजेल एवं अस्‍पताल (पीएमसीएच) में हो गया था। उनका शव गुरुवार को पटना से संध्या 5:50 बजे पैतृक गांव सदर प्रखंड आरा के बसंतपुर लाया गया। शुक्रवार को पूर्वाह्न में स्‍थानीय महुली गंगा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्‍कार किया गया। बसंतपुर के पैतृक घर से उनकी शवयात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा।

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भतीजा मुकेश ने दी मुखाग्नि

गणित के सूत्रों से पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाने वाले गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दोपहर बड़हरा के महुली गंगा घाट पर राजकीय सम्मानपूर्वक किया गया। दोपहर 12.35 मिनट पर उनके बड़े भतीजे मुकेश कुमार ने मुखाग्नि दी। इससे पहले पार्थिव शरीर को जवानों ने अंतिम सलामी दी। इस दौरान मंत्री जय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, विधायक प्रभुनाथ राम, एमएलसी राधाचरण साह के अलावा जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा एवं एसपी सुशील कुमार ने शव पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

अंतिम यात्रा में उमड़ पड़े लोग

महान गणितज्ञ की शव यात्रा सुबह उनके पैतृक गांव आरा प्रखंड के बसंतपुर गांव से निकली। काफिला आठ किलोमीटर पैदल चलकर महुली गंगा घाट पर पहुंचा। इस दौरान हर कोई गणितज्ञ के पार्थिव शरीर को कंधा देने को लालायित रहा। अंतिम विदाई के समय सबकी आंखें नम थीं। रास्ते भर ग्रामीण वैज्ञानिक चाचा की एक झलक पाने के लिए पलकें बिछाए खड़े थे। गणितज्ञ अमर रहे के नारों से संपूर्ण वातावरण गूंज उठा। दरवाजे से लेकर मकान की छतों पर लोग उनकी एक झलक पाने को आतुर थे। गंगा घाट पर गणितज्ञ के मंझले भाई अयोध्या प्रसाद सिंह, छोटे भाई हरिचन्द्र नारायण सिंह, भतीजे मुकेश सिंह, राकेश सिंह, मिथिलेश सिंह व नितेश कुमार सिंह मौजूद थे। 

शव के दर्शनार्थ उमड़ पड़ी भारी भीड़

इसके पहले गुरुवार को पटना से  शव के पैतृक गांव पहुंचने से पहले हीं घर पर मंत्री जय कुमार सिंह व पूर्व मंत्री  राघवेंद्र प्रताप सिंह के अलावा जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा एवं पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार  पहुंचे गए थे। शव के पहुंचने पर उनके दर्शनार्थ वहां भारी भीड़ उमड़ पड़ी। शुक्रवार सुबह से भी वहां लोगों का तांता लगा रहा।

गुरुवार को पीएमसीएच में हुई थी मौत

वशिष्ठ नारायण सिंह 40 सालों से 'सिजोफ्रेनिया' बीमारी से पीड़ित थे। गुरुवार की सुबह तबीयत खराब होने पर उन्हें पीएमसीएच ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद पीएमसीएच प्रशासन ने उनके शव को स्‍ट्रेचर पर रख अस्‍पताल के बाहर कर दिया। स्‍वजन शव को जे लाने के लिए घंटों भटकते रहे। इस बीच जब मीडिया ने मामला उजागर किया तो अस्‍पताल प्रबंधन से लेकर जिला प्रशासन तक नींद से जागे। सरकार भी हरकत में आई। फिर शव को सम्‍मान के साथ उनके पटना स्थित घर पर पहुंचाया गया।

राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्‍यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

उनके निधन पर राष्‍ट्रपति रामनाथ काेविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्‍यपाल फागू चौहान तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित केंद्र व राज्‍य के अनेक मंत्रियों व नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार पटना के उनके घर पर पहुंचकर पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि  दी।


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