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वाराणसी-हावड़ा बुलेट ट्रेन का रूट बदल गया? यूपी, बिहार, झारखंड, बंगाल के इन शहरों से गुजरेगी हाइ स्‍पीड रेल

Varanasi-Howrah Bullet Train बुलेट ट्रेन हमारे देश के लोगों का एक ऐसा सपना है जिसके पूरा होने की आस अब जगती दिख रही है। रेलवे ने देश के कई रूटों पर हाई स्‍पीड रेल कारिडोर बनाने की योजना तैयार की है जिसमें वाराणसी-हावड़ा का रूट भी शामिल है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 07 Jan 2022 10:58 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 08:36 AM (IST)
Varanasi-Howrah High Speed Rail: वाराणसी-हावड़ा बुलेट ट्रेन का क्‍या होगा रूट। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Varanasi-Howrah High Speed Rail Corridor: बुलेट ट्रेन हमारे देश के लोगों का एक ऐसा सपना है, जिसके पूरा होने की आस अब जगती दिख रही है। रेलवे ने देश के कई रूटों पर हाई स्‍पीड रेल कारिडोर बनाने की योजना तैयार की है, जिसमें वाराणसी-हावड़ा का रूट भी शामिल है। इस रूट पर रेलवे ट्रैक तैयार करने के लिए सर्वे का काम अब लगभग खत्‍म होने को है। हाइ स्‍पीड रेल यानी बुलेट ट्रेन का यह रूट उत्‍तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के प्रमुख शहरों को आपस में जोड़ेगा। वाराणसी-नई दिल्‍ली के हाई स्‍पीड रेल का सर्वे पहले ही पूरा हो चुका है और इसका प्रोजेक्‍ट अलग है। इन दाेनों योजनाओं के पूरा होने पर हावड़ा से दिल्‍ली का सफर चंद घंटों में पूरा हो सकेगा।

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हाइ स्‍पीड रेल के रूट को लेकर भ्रम की स्थिति

रेलवे के इस प्रोजेक्‍ट पर आधिकारिक स्‍तर से अभी बहुत अधिकारी जानकारी पब्लिक डोमेन में नहीं दी जा रही है। इसके चलते कई तरह के कयास और भ्रम लोगों के बीच पैदा हो रहे हैं। ताजा मामला वाराणसी-हावड़ा हाइ स्‍पीड रेल के रूट को लेकर है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यह रेल रूट वाराणसी से शुरू होकर बिहार के सासाराम, गया होकर झारखंड के धनबाद होते हुए जाएगा। दूसरी तरफ, कुछ रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि यह रेल रूट वाराणसी से बक्‍सर, आरा, पटना, नवादा के रास्‍ते धनबाद होकर पूरा होगा।

दो हिस्‍सों में बनना है दिल्‍ली-हावड़ा हाई स्‍पीड रेल कारिडोर

बुलेट ट्रेन के इस रूट को लेकर रेलवे की तैयारियां और चर्चाएं काफी लंबे अरसे से चल रही हैं। हमने पड़ताल की तो पाया कि रेलवे से जुड़ी निर्माण कंपनी इरकान ने 22 जुलाई 2010 को हाइ स्‍पीड रेल नेटवर्क के लिए प्रि फ‍िज‍िब‍िल‍िटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए निविदा आमंत्रित की थी। इस निविदा में दिल्‍ली- आगरा- लखनऊ- वाराणसी होते हुए पटना तक 991 किलोमीटर लंबे रूट पर हाइ स्‍पीड रेल कारिडोर बनाने की बात थी। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद दिल्‍ली से हावड़ा तक हाइ स्‍पीड रेल के लिए सर्वे शुरू किया गया, हालांकि इस रूट को दिल्‍ली से वाराणसी और वाराणसी से हावड़ा तक दो हिस्‍सों में बांट दिया गया।

पटना के रास्‍ते या गया के रास्‍ते जाएगी ट्रेन

वाराणसी से गया के रास्‍ते हावड़ा तक ट्रैक तैयार करना कही अधिक आसान हो सकता है। हो सकता है कि इससे दूरी भी कुछ हद तक घट जाए, लेकिन इस रूट से बिहार की राजधानी पटना ही छूट जाएगी। पटना देश के सबसे व्‍यस्‍त रेलवे पड़ाव में एक है। पटना तक हाइ स्‍पीड रेल नेटवर्क तैयार करने की मांग पुरानी रही है और सरकार पर इसके लिए दबाव भी अधिक है। बिहार के व्‍यवसायियों का एक बड़ा वर्ग तो वाराणसी-दिल्‍ली प्रोजेक्‍ट को ही विस्‍तारित करते हुए पटना तक जोड़ने की मांग कर रहा है, ताक‍ि इस इलाके को हाइ स्‍पीड रेल का लाभ जल्‍दी मिल सके।

पटना वाले रूट में जमीन अधिग्रहण की भी तैयारी शुरू

रेलवे की ओर से वाराणसी-हावड़ा हाइ स्‍पीड रेल नेटवर्क पर आधिकारिक तौर पर बेहद कम जानकारी उपलब्‍ध है। हालांकि, कुछ चीजें ऐसी और स्‍पष्‍ट हैं, जिससे पता चलता है कि यह रेल रूट संभवत: पटना के ही रास्‍ते से गुजरेगा। आपको बता दें कि इस रेल रूट के लिए लिडार सर्वे का काम कई महीनों से चल रहा है और यह जल्‍द ही पूरा होने वाला है। इस सर्वे के जरिए हेलीकाप्‍टर या ऐसे ही माध्‍यम का इस्‍तेमाल कर रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए सर्वाधिक उपयुक्‍त रूट की तलाश की जा रही है। ऐसा सर्वे झारझंड के गिरडिह के बगोदर एरिया में भी हुआ था। पिछले दिनों इस हाइ स्‍पीड रेल रूट के लिए बिहार के बक्‍सर जिले में जमीन अधि‍ग्रहण की तैयारी शुरू कर दी गई है। इससे लगता है कि यह रूट पटना के रास्‍ते ही जाएगा। हालांकि, हाइ स्‍पीड रेलवे के वास्‍तविक रूट की जानकारी के लिए आपको रेलवे की ओर से आधिकारिक मैप आने और अनाउंसमेंट का इंतजार करना चाहिए।

इस रूट में हो सकते हैं ये सभी स्‍टेशन

पटना के रास्‍ते तैयार होने वाले हाइ स्‍पीड रेल नेटवर्क में वाराणसी के बाद पहला स्‍टेशन बक्‍सर हो सकता है। इसके बाद आरा, पटना, नवादा, झारखंड के धनबाद, पश्‍चिम बंगाल के दुर्गापुर, बर्दमान और हावड़ा में स्‍टेशन बनाए जा सकते हैं। इस रूट से कारिडोर की कुल लंबाई लगभग 760 किलोमीटर होगी, जिसमें एलिवेटेड रूट, अंडरग्राउंड रूट और एट ग्रेड यानी समतल जमीन पर ट्रैक भी शामिल होगा।


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