महेंद्र सिंह धौनी को सिलेक्ट करने वाले ने मैदान में दिया था दिल, मैच खेलने के कारण टली थी शादी
वैलेंटाइन डे के दिन पटना के अजय नारायण शर्मा और मधु का जिक्र भी जरूरी है। दोनों की जान-पहचान खेल के मैदान से शुरू हुई और रिश्ते में बदली। अजय और मधु 45 साल से एक दूसरे के साथ हंसी-खुशी जीवन बिता रहे हैं।
अनिल कुमार, पटना सिटी: इश्क करने वाले बताते हैं कि मोहब्बत खुदा का वह नूर है, जिससे रोशन सारा जहां है। डूब के देख किसी के प्यार में ए दोस्त यह वो जज्बा है जो आंखों से बयां होता है। ऐसा ही कुछ वर्ष 1974 के सात जनवरी को सायंस कॉलेज मैदान में दिल्ली और पटना के बीच इंटर यूनिवर्सिटी मैच के दौरान हुआ। दर्शकों से खचाखच भरे मैदान में क्रिकेटर अजय नारायण शर्मा जब चौके-छक्के जड़कर टीम को जीत दिलाई और वापस पवेलियन लौटे तो गैलरी में मधु बैठी थीं। संयोगवश अजय भी मधु के आगे आकर बैठ गए। फिर परिचय के साथ शुरू हुई बातचीत शादी में बदली। आज दोनों 45 साल से एक दूसरे साथ हंसी-खुशी जीवन बिता रहे हैं। कभी महेंद्र सिंह धौनी का चयन करने वाले अजय की क्रिकेट के प्रति दीवानगी इतनी थी कि मैच खेलने के कारण दो दिन तक उनकी शादी तक टाल दी गई थी।
मधु की एक झलक पाने को अजय स्कूल बस के पास रहते
मधु सेंट जोसेफ कान्वेंट की छात्रा था। वह प्रतिदिन कुनकुन सिंह लेन के मोड़ पर बस पर चढ़ती थी। इधर अजय भी सुलतानगंज के चौधरी टोला स्थित घर से चलकर सायंस कॉलेज में क्रिकेट खेलने जाते थे। प्रैक्टिस के बाद मधु की एक झलक पाने को कुनकुन सिंह लेन के पास खड़े हो जाते थे। अजय बताते हैं कि फिर शुरू हुआ कुछ ऐसा सिलसिला जो मुझे आजमाने लगा। मैं उसकी आंखों में, उसकी बातों में अपने लिए आकर्षण की तरंगे देखने लगा। मैंने महसूस किया कि वह मुझे जरूरत से ज्यादा तवज्जो देने लगी है। मुझे वह अच्छी लगती थी। मैं इज्जत करता था।
दो वर्ष बाद किया प्रपोज
गुरुत्वाकर्षण के नियम के तरह प्यार परवान चढ़ा। दिल और दिमाग में उधेड़बुन चल ही रही थी कि दो वर्षों के प्यार के दौरान वर्ष 1976 में अजय ने मधु के शादी का प्रस्ताव रखा। मधु ने भी अजय की सावंली सूरत पर फिदा हो प्रस्ताव में हामी भर दिया। शादी की बात उठी तो एक समस्या सामने आई कि अजय के दो बड़े भाई की शादी नहीं हुई थी। दोनों की एक जाति होने के कारण दोनों परिवार के लोग भी पसंद करते थे। मधु के पिता स्वर्गीय त्रिलोकी नाथ सहाय सिंह मुजफ्फरपुर के आरडीएस कॉलेज में भूगोल के विभागाध्यक्ष थे। बड़ी पुत्री होने के कारण वे मधु की जल्द शादी करना चाहते थे।
शादी की तय तिथि को अजय खेल रहे थे क्रिकेट, तीन दिन बाद किया शादी
इधर अजय भी पिता कुमार नारायण शर्मा से अनुमति लेकर मुजफ्फरपुर में 14 जनवरी को न्यायालय में शादी करने की बात कही। इधर, अजय पर क्रिकेट की दीवानगी छाई थी। वे शादी से अधिक क्रिकेट को महत्व देते थे। यह बात मधु जानती थीं। शादी के दिन भी वे मैच खेल रहे थे, आखिर, इंतजार की घड़ी समाप्त हुई। 17 जनवरी को अजय ने मधु के साथ मुजफ्फपुर न्यायालय में रजामंदी से शादी की। दोनों ने अपनी बेटी प्राची तथा तनु शर्मा की शादी धूमधाम से की। बड़ी बच्ची कोलकाता के बड़े मीडिया हाऊस तथा छोटी बच्ची डिजायनर के रूप में मुंबई में है। मधु बताती हैं कि उन्हें बचपन से ही सांवले रंग में आकर्षण दिखता था। मधु भगवान से दुआ करती हैं कि हर जन्म में उन्हें जीवन साथी के रूप में अजय का साथ मिले। अजय भी मधु के साथ शादी के फैसले को अहम मानते हैं। दोनों की सफल प्रेम कहानी एक मिसाल है।
धौनी का किया था चुनाव
बिहार विद्युत बोर्ड में 40 वर्षों तक नौकरी कर सेवानिवृत्त हुए अजय वर्तनान बीसीए के फाउंडर सलेक्टर हैं। अजय ने यूनिवर्सिटी, जिला, विजी, रणजी, अंडर 22 में प्रतिभाग किया। पीडीसीए के 1972 से 2008 तक सचिव रहे। अजय बताते हैं कि साल 1996 से 2000 तक अविभाजित बिहार के सलेक्टर रहकर झारखंड के महेंद्र सिंह धौनी का चुनाव किया था। मधु शर्मा ने भी शादी के बाद पढ़ाई जारी रख पीएचडी, लॉ किया। बेसबॉल तथा साफ्ट बॉल के उच्च पदों पर आसीन हैं। दोनों ने खेल जगत में काफी नाम कमाया।