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Bihar Cabinet Expansion: मंत्रिमंडल में इस बार खिलेगा वैशाली का कमल! अब तक किसी भाजपाई को नहीं मिला है मौका

बिहार मंत्रीमंडल के विस्तार में इस बार वैशाली जिले को नुमाइंदगी की उम्मीद है। डेढ़ दशक से जिले से भाजपा का कोई विधायक राज्‍य सरकार में मंत्री नहीं बन सका है। इस बार विधानसभा में वैशाली के जीतकर भाजपा के तीन विधायक गए हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 11:26 AM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 05:31 PM (IST)
Bihar Cabinet Expansion: मंत्रिमंडल में इस बार खिलेगा वैशाली का कमल! अब तक किसी भाजपाई को नहीं मिला है मौका
वैशाली से किसी भाजपाई को नहीं मिला है मंत्री बनने का अवसर। प्रतीकात्‍मक फोटो

रवि शंकर शुक्ला, हाजीपुर। Bihar Cabinet Expansion पार्टी, क्षेत्र एवं जातीय समीकरण के आधार पर ही हमेशा से सरकार में नुमाइंदगी तय होती रही है। बीते डेढ़ दशक के दौरान नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में चल रही एनडीए सरकार में भी कमोबेश इसी आधार पर नुमाइंदगी होती रही है। बिहार की सत्ता में डेढ़ दशक तक छोटे भाई एवं इस चुनाव में बड़े भाई की भूमिका में होने के बावजूद छोटे भाई की भूमिका निभा रही भाजपा (BJP) की वैशाली जिला इकाई का हाल यह है कि एनडीए (NDA) की सरकार में जिले से आजतक सरकार में नुमाइंदगी नहीं मिली। जिले से जदयू (JDU) की ही नुमाइंदगी सरकार में अब तक रही है।

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नित्‍यानंद राय भी नहीं बन सके राज्‍य मंत्रिमंडल का चेहरा

हद तो यह है कि लालू-राबड़ी की हुकूमत में 2000 के चुनाव में जिला मुख्यालय हाजीपुर से कमल खिलाने वाले नित्यानंद राय को भी बिहार सरकार में नुमाइंदगी का अवसर नहीं मिला। यह हाल तब रहा जब नित्यानंद चार टर्म यहां से लगातार विधायक रहे एवं हाजीपुर में रिकॉर्ड बनाया। हालांकि, बाद में नित्यानंद उजियारपुर से सांसद बने और आज केंद्र में गृह राज्यमंत्री होने के साथ बिहार की राजनीति में बड़े चेहरे हैं। इसे लेकर इस बार यह उम्मीद वैशाली के लोगों में जगी है कि वैशाली से भाजपा की नुमाइंदगी इस बार सरकार में होगी।

वैशाली में इस बार जदयू पर भारी है भाजपा

बीते पंद्रह वर्षों के एनडीए की हुकूमत में यह पहला मौका जब जिले में भाजपा सबसे भारी है। चुनाव में यहां आठ सीटों में चार सीटों पर महागठबंधन एवं शेष चार पर एनडीए की जीत हुई है। राघोपुर, राजापाकर, महुआ एवं महनार सीट महागठबंधन एवं हाजीपुर, वैशाली, लालगंज एवं पातेपुर सीट एनडीए की झोली में इस बार आई है। वहीं एनडीए में देखें तो जिले में चार सीटों पर जदयू एवं चार पर भाजपा चुनाव लड़ी थी। इसमें जदयू सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज करा सकी जबकि भाजपा तीन सीटों पर जीती है। ऐसे में भाजपा की सरकार में नुमाइंदगी की दावेदारी बढ़ी है।

भाजपा के सर्वाधिक तीन विधायक हैं जिले से

जिले से इस बार भाजपा से तीन विधायक जीतकर विधानसभा में गए हैं। हाजीपुर से अवधेश सिंह, लालगंज से संजय कुमार सिंह एवं पातेपुर सुरक्षित विधानसभा सीट से लखेंद्र  कुमार रौशन उर्फ लखेंद्र पासवान विधायक बने हैं। इनमें अवधेश तीसरी बार यहां से जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं। वहीं संजय एवं लखेंद्र पहली बार जीते हैं। इधर, जदयू से सिद्धार्थ पटेल पहली बार वैशाली विधानसभा से जीतकर गए हैं।

भाजपा के तीनों विधायक हैं नित्यानंद के करीब

भाजपा से इस बार विधानसभा पहुंचे तीनों विधायक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के काफी करीबी हैं। हाजीपुर से अपनी जीत का हैट्रिक बनाने वाले अवधेश के संबंध में सभी जानते हैं कि उजियारपुर से सांसद बनने के बाद नित्यानंद ने अपने इस करीबी को यहां से जीताया और अब तक तक जिताते आ रहे हैं। वहीं संजय एवं लखेंद्र को नित्यानंद की पसंद के आधार पर ही भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया एवं जिला में तमाम विरोध के बावजूद दोनों को ताल ठोंककर नित्यानंद ने जीताकर विधानसभा भी पहुंचा दिया।

नित्यानंद से करीबी को लेकर मंत्री बनने की जगी उम्मीद

जिले से विधानसभा पहुंचे भाजपा के तीनों विधायक के नित्यानंद से करीबी होने के कारण इस बार जिले के लोगों में यह उम्मीद जगी है कि जिले से सरकार में भाजपा को नुमाइंदगी मिलेगी। इनमें लालगंज से संजय एवं पातेपुर से लखेंद्र पहली बार विधायक बने हैं। हाजीपुर से तीसरी बार अवधेश विधायक हैं। तीनों ही नित्यानंद के काफी विश्वासपात्र हैं, ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि नित्यानंद जिसे चाहेंगे वह सरकार में मंत्री बन जाएगा।

एक क्षत्रिय, एक कुर्मी और एक पासवान समाज से

वैशाली से भाजपा से जीतकर विधानसभा में पहुंचने वाले विधायकों में तीनों तीन समाज से आते हैं। लालगंज से पहली बार चुनाव जीतने वाले संजय कुमार सिंह क्षत्रिय समाज से आते हैं। वहीं तीसरी बार हाजीपुर से चुनाव जीतने वाले अवधेश सिंह कुर्मी एवं पहली बार पातेपुर सुरक्षित सीट से विधानसभा में पहुंचने वाले लखेंद्र कुमार रौशन पासवान समाज से आते हैं। जिले में पंद्रह वर्षों के रिकॉर्ड को देखें तो एनडीए की सरकार में कुर्मी समाज से जदयू जीतने वाले वृश्णि पटेल को ही मौका मिला।

एनडीए की सरकार में वृशिण रहे हैं मंत्री

बिहार में डेढ़ दशक से कायम एनडीए की सरकार में जिले से जदयू ने ही सरकार में जिले से नुमाइंदगी की। जिले से वृश्णि पटेल शिक्षा, सूचना एवं जनसंपर्क तथा ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री रहे। भाजपा से किसी विधायक को आजतक सरकार में नुमाइंदगी का अवसर नहीं मिला।

वैशाली के आठ विधानसभा में दलों की स्थिति

1. हाजीपुर -  अवधेश सिंह -                  भाजपा

2. लालगंज - संजय कुमार सिंह -           भाजपा

3. पातेपुर -   लखेंद्र कुमार रौशन -        भाजपा

4. वैशाली -  सिद्धार्थ पटेल -                  जदयू

5. राघोपुर -  तेजस्वी प्रसाद यादव -       राजद

6. महनार -  वीणा देवी -                     राजद

7. महुआ -    डॉ. मुकेश कुमार रौशन - राजद

8. राजापाकर - प्रतिमा कुमारी -            कांग्रेस

वैशाली से बिहार मंत्रिमंडल में रहे हैं मंत्री

1. वृशिण पटेल - वैशाली

2. उदय नारायण राय उर्फ भोला राय - राघोपुर

3. स्व. मुनेश्वर प्रसाद सिंह - महनार

4. स्व. तुलसी दास मेहता - जंदाहा

5. आलोक कुमार मेहता - महुआ

6. शिवचंद्र राम - राजापाकर

7. मोतीलाल कानन - हाजीपुर

8. तेज प्रताप यादव - महुआ

9. बसावन प्रसाद भगत - वैशाली

10. वीणा शाही - वैशाली

11. राजेंद्र राय - हाजीपुर

12. मुंशीलाल राय - महनार 

जिला का प्रतिनिधित्व करने वाले रहे हैं मुख्यमंत्री

1. स्व. दीप नारायण सिंह

2. स्व. रामसुंदर दास

3. लालू प्रसाद यादव

4. राबड़ी देवी

5. तेजस्वी प्रसाद यादव - उपमुख्यमंत्री   


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