कोरोना रिकवरी रेट में बिहार का वैशाली जिला अव्वल, 93% मरीज हो गए स्वस्थ-कारण भी जानें
प्रशासन की कोशिश ने कोरोना संकट से वैशाली को उबारने में काफी सफलता दिलाई है। यहां के 93 प्रतिशत संक्रमितों ने कोरोना को मात दे दी है।
वैशाली, जेएनएन। वैशाली जिला प्रशासन की कोशिश ने कोरोना संकट से वैशाली को उबारने में काफी सफलता दिलाई है। जिले में कोरोना का प्रसार और उसके रोकथाम के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सजगता का नतीजा है कि जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की दर राज्य के पॉजिटिव रेट 4.38 से काफी कम 3.43 रही है। संक्रमण की रिकवरी दर 93 प्रतिशत है।
प्रखंड के 98 प्रतिशत हो गए स्वस्थ
जिले में वैशाली प्रखंड का प्रदर्शन रिकवरी रेट में सबसे बेहतर 98 प्रतिशत है। यहां पर कुल 280 केस में से 275 कोरोना मुक्त हो चुके हैं। वहीं हाजीपुर सदर ने 95.79 तथा लालगंज ने 96 प्रतिशत की रिकवरी दर प्राप्त कर ली है।
3323 पॉजिटिव में 3095 मुक्त
वैशाली जिले में 31 अगस्त तक कोरोना की जांच के लिए 82550 लोगों का सैंपल कलेक्ट किया गया। जांच में मिले 3323 पॉजिटिव में 3095 लोग कोरोना मुक्त हो चुके हैं। कोरोना जांच सबसे ज्यादा जांच एंटीजन किट से हुई है, जिसका प्रतिशत 79.2 हैं। वहीं आरटीपीसीआर से 12 तथा ट्रू नेट से 8.7 प्रतिशत जांच जिले में हुई है।
पटेढी बेलसर में सबसे कम संक्रमित
कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. शिव कुमार रावत ने बताया कि जिले में अगस्त के अंत तक कोरोना के कुल 3323 मामलों में पटेढ़ी बेलसर में मात्र 43 पॉजिटिव मिले जो यहां हुए कुल जांच का मात्र 1.16 प्रतिशत है। वहीं अन्य प्रखंडों में चेहराकला में 4202 में 93, देसरी 3311 में 66 तथा गोरौल में हुए 4880 की जांच में 88 ही मरीज मिले। इससे संकेत मिलता है कि जिले के ग्रामीण इलाकों में कोरोना का प्रसार कम है।
पटना में सबसे अधित संक्रमित
बिहार में सबसे अधिक कोरोना संक्रमितों के मिलने की बात करें तो पटना टॉप पर बना हुआ है। राजधानी में अबतक 23610 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें 21565 स्वस्थ हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 184 की मौत हो चुकी है।