यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा-जदयू के बीच सीट शेयरिंग में बड़ा फैक्टर बना अपना दल
Uttar Pradesh Assembly Election 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में एनडीए का अंग बनकर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रत्याशी के चुनाव में आने की सहमति जरूर है पर अभी सीट शेयरिंग को लेकर कई तरह के पेच हैं। अपना दल और कोरोना ने मामले को अटकाया हुआ है।
राज्य ब्यूरो, पटना। उत्तर प्रदेश में 403 सीटों के लिए अगले महीने फरवरी से विधानसभा चुनाव की शुरुआत होनी है। इस बार राज्य में सात चरणों में इलेक्शन होंगे। यूपी विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का अंग बनकर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रत्याशी के चुनाव में आने की सहमति जरूर है पर अभी सीट शेयरिंग को लेकर कई तरह के पेच हैं। अपना दल और कोरोना ने मामले को अटकाया हुआ है। जदयू नेता व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने इस संबंध में कहा कि हमलोगों ने अपनी पूरी बात वहां तक पहुंचा दी है जहां से इस बारे में निर्णय होना है। यह तय है कि यूपी चुनाव में जदयू के प्रत्याशी की मौजूदगी एनडीए प्रत्याशी के रूप में होगी।
अपना दल की वजह से भी हो रही देरी
सीट शेयरिंग के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार अपना दल की वजह से भी देरी हो रही है। अपना दल की निगाहें भी उन सीटों पर है जहां से जदयू अपने को कंफर्टेबल मानता है। ये इलाके सोनभद्र और बिहार से लगने वाली यूपी की सीमा के हैं। ऐसे में भाजपा की प्राथमिकता यह है कि पहले वह अपना दल का मामला तय कर ले। उन इलाकों में भाजपा की सक्रियता है। ऐसे में पूरा मामला तय होने के बाद भाजपा-जदयू की बात तय होगी। वैसे भी चुनाव की तारीखों के हिसाब से ही शीट शेयरिंग की बात आगे बढ़नी है।
जिनके साथ बैठकर बात आगे बढ़नी है वो हो गए हैं कोरोना संक्रमित
कोरोना फैक्टर भी सीट शेयरिंग का मामला जल्दी से तय नहीं होने में एक बड़ा फैक्टर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक के दौरे से लौटने के बाद आरसीपी सिंह ने धर्मेंद्र प्रधान से बात की है। राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा से भी बात होनी थी पर दोनों के कोरोना रिपोर्ट पाजेटिव आने की वजह से फिलहाल बैठक टल गयी है।