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बच्चों से चोरी करवाते थे मोबाइल, पर्स और जैकेट की जेब में फोन रखने वालों पर रहती थी नजर Patna News

पीरबहोर पुलिस ने सोमवार को खेतान मार्केट से एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो बच्चों से मोबाइल चोरी करवाता था।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 08:43 AM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 08:43 AM (IST)
बच्चों से चोरी करवाते थे मोबाइल, पर्स और जैकेट की जेब में फोन रखने वालों पर रहती थी नजर Patna News
बच्चों से चोरी करवाते थे मोबाइल, पर्स और जैकेट की जेब में फोन रखने वालों पर रहती थी नजर Patna News

पटना, जेएनएन। राजधानी में एेसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जो बच्चों से मोबाइल चोरी करवाता था। पटना पुलिस की पीरबहोर पुलिस ने सोमवार को खेतान मार्केट से एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो बच्चों से मोबाइल चोरी करवाता था। एक नाबालिग के दबोचे जाने के बाद उसके जरिए गिरोह के सरगना बिरजू कोनिया, उसके एक साथी दिया महतो और दो अन्य बच्चों को भी पुलिस ने पकड़ा है। आरोपितों के पास से चोरी के पांच मोबाइल भी बरामद हुए हैं।

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पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार बिरजू कोनिया आसनसोल पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। बिरजू की निशानदेही पर ही झारखंड के साहिबगंज निवासी दिया महतो को गिरफ्तार किया गया। दोनों के अलावे तीन बच्चों को भी पकड़ा गया है। सभी चोरी का मोबाइल बंगाल में खपाते थे।

पकड़े गए बच्चों तो उन्हें मुक्तकर पीछे लग गई पुलिस

डेढ़ माह से खेतान मार्केट और उसके आसपास भीड़भाड़ वाले इलाके से दो दर्जन से अधिक मोबाइल चोरी हो चुके हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो खेतान मार्केट में कुछ बच्चे मोबाइल चुराते दिखे। इसके बाद पुलिस सतर्क हुई और सोमवार की दोपहर में दो बच्चों को महिला के जैकेट से मोबाइल चुराते पकड़ लिया। पुलिस दोनों बच्चों को मुक्त कर दिया और उनका पीछा करने लगी। कुछ देर बाद दोनों बच्चों के पास बिरजू पहुंच गया। बच्चों से चोरी का मोबाइल मांग रहा था, तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

दिनभर चोरी हुए मोबाइल को रोजाना भेज देता था बंगाल

बिरजू ने पुलिस को बताया कि गिरोह में एक दर्जन से अधिक बच्चे शामिल हैं। आधा दर्जन महिलाएं भी हैं। सभी का इलाका बंटा हुआ है। पीरबहोर इलाके में बिरजू का गिरोह मोबाइल चोरी करता था। इस काम में छह बच्चे शामिल हैं। काम हो जाने के बाद उस बच्चे को दुबारा वहां नहीं भेजा जाता था। दिया दिन भर में चोरी के मोबाइल को इकट्ठा करता था। एक अन्य युवक के जरिए उसे पश्चिम बंगाल भेज देता था। बिरजू ने बताया कि बच्चों का इस्तेमाल इसलिए करते थे ताकि अगर ये पकड़े भी जाएं तो लोग उन्हें गलती समझकर छोड़ दे। बच्चे ऐसे लोगों को निशाने पर लेते थे, जो जैकेट या पर्स में मोबाइल रखते थे।


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