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UPSC Result: बिहार के इन गुदड़ी के लालों ने गाड़े सफलता के झंडे, मुश्किल हालात में मरने नहीं दिए सपने

UPSC Result सिविल सेवा के रिजल्‍ट में अभावों के बीच पले-बढ़े निम्‍न व मध्‍यम वर्ग के कुछ युवा भी सफल रहे हैं। आइए नजर डालते हैं उनकी सफलता की कहानी पर।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 05:45 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 01:16 PM (IST)
UPSC Result: बिहार के इन गुदड़ी के लालों ने गाड़े सफलता के झंडे, मुश्किल हालात में मरने नहीं दिए सपने
UPSC Result: बिहार के इन गुदड़ी के लालों ने गाड़े सफलता के झंडे, मुश्किल हालात में मरने नहीं दिए सपने

पटना, जागरण टीम।  लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के झंडे गाड़ने वालों में बिहार के कुछ 'गुदड़ी के लाल' भी शामिल हैं। उन्‍होंने बचपन से मुश्किल हालात देखे और इसी के बीच धैर्यपूर्वक पढ़ाई की। फिर, नौकरी के साथ आर्थिक संबल भी मिला, लेकिन बड़े सपने मरने नहीं दिए। लक्ष्‍य पर आंखें टिकी रहीं और आज परिणाम सामने है। यूपीएसपी की सिविल सेवा परीक्षा में सफल ऐसे ही कुछ युवाओं की कहानियां आप भी जानिए।

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यहां यह स्‍पष्‍ट कर दें कि इस खबर में हम टॉपर्स की जानकारी नहीं दे रहे। हम मध्‍यम व निम्‍न वर्गीय परिवारों के उन युवाओं की सफलता की कहानी बता रहे हैं, जिन्‍होंने अपने हौसले व मेहनत के बल पर इतिहास लिख डाला है।

साधारण परिवार के रवि को नौवीं रैंक, पिता चलाते पशु चारा की दुकान

सिविल सेवा परीक्षा के मंगलवार को आए रिजल्ट में झारखंड के देवघर निवासी तथा बिहार के जमुई में वाणिज्य कर विभाग में सहायक कर आयुक्त के पद पर पदस्‍थापित रवि जैन ने नौंवीं रैंक हासिल की है। साधारण परिवार से आने वाले रवि के पिता अशोक कुमार जैन का देवघर में जानवरों के चारा का व्‍यवसाय है। उनकी मां मंजुला जैन गृहणी हैं।

देवघर व दिल्‍ली में की पढ़ाई: रवि जैन बिहार लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर जमुई वाणिज्य कर कार्यालय में जनवरी 2020 से सहायक कर आयुक्त हैं। उनकी 12वीं तक की शिक्षा देवघर के सेंट फ्रांसिस स्कूल से हुई है। एमिटी इंटरनेशनल स्कूल (नई दिल्ली) से ग्रेजुएशन तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्‍होंने बीटल इंडिया कंपनी में तीन साल तक प्राइवेट नौकरी भी की। इसके बाद बीपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर वाणिज्य कर सेवा की नौकरी ज्वाइन कर ली।

कहा- सफलता में बहन का विशेष योगदान: रवि अपनी सफलता का श्रेय अभिभावकों के साथ-साथ सीनियर्स को भी देते हैं। इस सफलता में वे अपनी बहन का विशेष योगदान बताते हैं। उन्होंने कैडर की प्राथमिकता में पहला झारखंड और दूसरा बिहार बताया। लेकिन, यूपीएससी की नियमावली के मुताबिक इसकी संभावना कम ही है। रवि की सफलता से जमुई के साथ देवघर में भी हर्ष का माहौल है। जमुई के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कार्यालय कक्ष में उन्हें मिठाई खिलाकर बधाई दी।

मधुबनी के मुकुंद को 54वीं रैंक, पिता चलाते सुधा दूध की दुकान

मधुबनी के बाबूबरही प्रखंड के एक सुधा दूध विक्रेता के बेटे मुकुंद ने भी अपने पहले प्रयास में 54वीं रैंक हासिल की है। प्रखंड के बरुआर निवासी सुधा विक्रेता मनोज कुमार बाबूबरही बाजार में सुधा दूध का काउंटर चलाते हैं। खुशी के आंसूओं को पोछते हुए पिता बोल पड़े, “बेटे ने आज जिंदगी सफल कर दी। कभी सोचा नहीं था कि जीवन में इतनी खुशियां मिलेंगी। बेटे ने नाम रोशन कर दिया।'' गृहिणी मां ममता देवी भी खुशी के आंसू नहीं रोक सकीं।

ग्रामीण परिवेश में बीता बचपन: मुकुंद का बचपन ग्रामीण परिवेश में बीता, लेकिन कुछ कर गुजरने की चाहत बचपन से ही थी। साल 2008 में मुकुंद का चयन सैनिक स्कूल, गोलपारा (असम) में हो गया। 2015 में 12वीं पास करने के बाद वे नौसेना में जाना चीते थे, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर सिविल सेवा को अपना लक्ष्य बना लिया। आगे 2018 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्रथम श्रेणी में इंग्लिश ऑनर्स किया। साथ-साथ यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी चलती रही। इससे पहले मुकुंद ने बीपीएसी की मुख्य परीक्षा भी पास की, लेकिन लक्ष्‍य और बड़ा था। राजनीति शास्त्र व अंग्रेजी विषयों के साथ अंतत: उन्‍होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 54वीं रैंक हासिल कर ली है।

जज्बा हो तो आड़े नहीं आती तंगहाली: दैनिक जागरण से बातचीत में मुकुंद कहते हैं कि अगर लक्ष्य निर्धारित हो तो इसे पाने में आर्थिक तंगहाली कभी आड़े नहीं आती, बस जज्बा होना चाहिए। पिछले डेढ़ साल से प्रतिदिन छह से आठ घंटों की तैयारी नियमित रूप से कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि जीवन में आने वाली कठिनाईयां हमें हमेशा कुछ अलग करने की प्रेरणा देती हैं। उन्‍होंने सफलता का श्रेय माता-पिता, मामा कन्हैया झा व दिलीप झा के साथ मामी व गुरुजनों को देते हुए कहा कि लक्ष्य तो प्राप्त हो गया है, अब इस दायित्व को पूरी निष्ठा के साथ निभाना है।

साधारण शिक्षक के पुत्र को 202वीं रैंक, पिता ने ही किया गाइड

समस्तीपुर के धुरलक निवासी शिक्षक बिपिन मिश्रा के पुत्र राहुल मिश्रा ने भी सिविल सेवा परीक्षा में 202 वीं रैंक हासिल की है। आइआइटी से इंजीनियर में स्‍नातक राहुल ने छह महीने तक एक मल्टीनेशनल कम्पनी में नौकरी की, फिर नौकरी छोड़कर सेवा की तैयारी में जुट गए। वे अपने घर पर ही पिता के सानिध्य में तैयारी करते रहे।


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