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बिहार और झारखंड के 100 से अधिक युवाओं को आइएएस, आइपीएस बना चुके हैं ये द्रोणाचार्य

UPSC Free Coaching बिहार और झारखंड के युवाओं को संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा में मदद करने के लिए कई द्रोणाचार्य सामने आए हैं। इनकी संस्‍था अब तक 100 से अधिक लोगों को यूपीएससी क्‍लीयर करने में मददगार बन चुकी है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 06:36 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 06:36 AM (IST)
बिहार और झारखंड के 100 से अधिक युवाओं को आइएएस, आइपीएस बना चुके हैं ये द्रोणाचार्य
UPSC Coaching: बिहार और झारखंड के युवाओं को यूपीएससी में मदद करती है आइएएस और आइपीएस की यह संस्‍था। प्रतीकात्‍मक

पटना, जयशंकर बिहारी। UPSC News: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में बिहार-झारखंड के छात्रों का फिर से जलवा कायम हो, इसके लिए आइएएस-आइपीएस (IAS - IPS Coaching in Bihar) द्रोणाचार्य की भूमिका में आ गए हैं। नेशनल एशोसिएशन आफ सिविल सर्वेंट्स यानी एनएसीएस (National Association of Civil Servants i.e. NACS) से जुड़कर आइएएस, आइपीएस, आइआरएस जरूरतमंद छात्रों के लिए सिविल सेवा की राह आसान कर रहे हैं। पिछले साल के यूपीएससी टापर शुभम कुमार सहित 24 चयनित अभ्यर्थियों ने आइएएस-आइपीएस के सानिध्य में पढ़ाई की थी। छह साल में एनएसीएस से जुड़कर 100 से अधिक अभ्यर्थी सिविल सेवा में सफल हो चुके हैं।

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आठ अधिकारियों ने शुरू किया कारवां

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर यूपीएससी में सफलता का परचम लहाराने वाले आठ अधिकारियों ने नेशनल एशोसिएशन आफ सिविल सर्वेंट्स के नाम से कारवां प्रारंभ किया। सात साल में इससे एक हजार से अधिक आइएएस, आइपीएस, आइआरएस जुड़ चुके हैं। यह बड़ी टीम नियमित आफलाइन और आनलाइन अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन कर रही हैं। एनएसीएस के अध्यक्ष सह 1982 बैच के आइएएस बीके प्रसाद ने बताया कि जमालपुर और मुंगेर से पढ़ाई करने के बाद दिल्ली एम.फिल. के लिए पहुंचा तो सिविल सेवा को जाना। यह कसक हमेशा रहती थी कि मेरे जैसे लाखों प्रतिभावान छात्र आज भी गांव-कस्बों में मार्गदर्शन का इंतजार कर रहे हैं।

2014 में इन अफसरों ने की शुरुआत

2014 में आइएएस संतोष कुमार, साकेत मालवीय, केपी यादव जैसे करंट बैच के अधिकारियों के साथ बिहार और झारखंड के बच्चों के लिए एनएसीएस की स्थापना की गई। मार्गदर्शन के नाम से कक्षा प्रारंभ की गई। प्रारंभिक दिनों में साक्षात्कार तक सीमित रहा। अब साक्षात्कार के साथ-साथ प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा की भी तैयारी कराई जा रही है। वेबसाइट www.nacsbiharjharkhand.org.in के माध्यम से छात्र जुड़ रहे हैं।

  • एकलव्य के लिए आइएएस-आइपीएस बने गुरु द्रोणाचार्य
  • 100 से अधिक को आइएएस और आइपीएस को बना चुका है एनएसीएस
  • 24 अभ्यर्थी पिछले साल यूपीएससी में हुए थे चयनित, टापर शुभम भी शामिल
  • 1000 बिहार-झारखंड के आइएएस, आइपीएस, आइआरएस  जुड़े हैं एसोसिएशन से

रेगुलर क्लास रूम पैटर्न से शुरू होगी पढ़ाई

2014 बैच के आइएएस संतोष कुमार ने बताया कि सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी के लिए 200 अभ्यर्थियों का चयन इस साल से किया जा रहा है। इन्हें प्रारंभिक तथा मुख्य दोनों परीक्षा की तैयारी रेगुलर क्लासरूम पैटर्न पर कराई जाएगी। क्लास आवश्कतानुसार आनलाइन और आफलाइन दोनों माध्यम से संचालित किए जाएंगे। पूरा मार्गदर्शन प्रोग्राम नि:शुल्क है। अभ्यर्थियों का वाट्सएप ग्रुप बनाकर वन-टू-वन मेंटरिंग भी की जाती है, जिससे अभ्यर्थी कोई भी सवाल अधिकारियों से कभी भी पूछ सकते हैं। साक्षात्कार की तैयारी वैसे सीनियर सदस्य कराते हैं, जो यूपीपीएसी के इंटरव्यू में शामिल रहे हों। नए साथी कोर्स व सिलेबस का मार्गदर्शन करते हैं।


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