सिवान में बालिका वधू बनने से बची यूपी की 11 वर्ष की बच्ची, 15 वर्ष के किशोर से हो रही थी शादी
यूपी के देवरिया जिले की 11 वर्ष की एक बच्ची की शादी सिवान जिले में 15 वर्ष के किशोर से कराने की तैयारी चल रही थी। लेकिन यूपी के एसपी की वजह से वहां की टीम ने तत्परता दिखाते हुए इसे टाला।
मैरवा (सिवान), संवाद सूत्र। मैरवा थाना क्षेत्र के चंदनियाडीह दुर्गा मंदिर परिसर में चल रही बाल विवाह (Child Marriage) की तैयारी उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) की तत्परता से धरी की धरी रह गई। यूपी पुलिस ने ऐन मौके पर पहुंचकर शादी के मंडप में बैठे गुठनी थाना क्षेत्र के पंचनेरुआ निवासी किशोर और उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला के लार थाना क्षेत्र की रहने वाली किशोरी की शादी रोकी। सभी को लेकर यूपी पुलिस लौट गई। घटना तीन दिन पहले यानी 18 जुलाई की बताई जा रही है।
देवरिया एसपी को मिली थी बाल विवाह की सूचना
बताया जाता है कि यूपी के लार थाना क्षेत्र के बलडीहा दलपथ गांव से किसी ने देवरिया के एसपी श्रीपत मिश्रा को सूचना दी कि वहां की एक किशोरी की शादी गुठनी थाना क्षेत्र के पंचनेरुआ गांव के एक किशोर के साथ मंदिर में होने वाली है। नाबालिग की शादी की सूचना मिलते ही एसपी हरकत में आ गए। उन्होंने तुरंत एसडीएम गुंजन द्विवेदी को कार्रवाई का निर्देश दिया।
10 घंटे तक मंदिरों में भटकती रही यूपी के अधिकारियों की टीम
इसके बाद एसडीएम के साथ जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार, बाल सुरक्षा अधिकारी जयप्रकाश तिवारी, एसआइ सौरभ कुमार सूचना के मुताबिक नौतन थाना क्षेत्र के हद हदवा भवानी मंदिर पहुंचे। लेकिन वहां दोनों में से कोई पक्ष नहीं मिला और ना ही मंदिर में कोई शादी का आयोजन किया गया था। इसके बाद मैरवा धाम हरिराम ब्रह्म मंदिर पुलिस टीम पहुंची, लेकिन वहां भी कोई सुराग नहीं लग सका। पुलिस टीम 10 घंटे तक करीब आधा दर्जन मंदिरों की खाक छानती रही। पुलिस को हाथ लगे दोनों पक्ष के मोबाइल नंबर स्विच आफ बता रहे थे। इसके बाद टीम चंदनिया डीह दुर्गा मंदिर पहुंची। वहां टीम को सूचना के मुताबिक नाबालिग की शादी की तैयारी दिखी। नाबालिग वर-वधू के साथ दोनों के स्वजन और कुछ सगे संबंधी शादी की तैयारी में जुटे मिले।
लड़की ने कहा कि उसे शादी की तो जानकारी ही नहीं
पुलिस को देख बराती भाग निकले जबकि नाबालिग दूल्हा- दुल्हन और उनके स्वजन को पुलिस अपने साथ लार थाना लौट गई। वहां पुलिस ने पूछताछ की। बताया जा रहा है कि दोनों ने शादी की जानकारी से ही इन्कार कर दिया। नाबालिग किशोरी ने बताया कि उनके स्वजनों ने उसे बताया था कि मौसी की शादी में चलना है। शादी में शामिल होने के लिए कह कर वहां ले गए थे। जबकि लड़का ने बताया कि उसे चाचा की शादी के लिए लड़की देखने की बात कह कर उसे स्वजन मंदिर ले गए थे। बताते हैं कि मनोवैज्ञानिक मीनू जायसवाल के द्वारा दोनों नाबालिग लड़का और लड़की की काउंसिलिंग की गई।