Move to Jagran APP

सीएम नीतीश कुमार के और करीब आए उपेंद्र कुशवाहा, अब जदयू में रालोसपा के विलय से बनेंगे नए राजनीतिक समीकरण

रालोसपा अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की सीएम नीतीश से तीसरी बार मुलाकात के बाद जदयू के वरिष्‍ठ नेता वशिष्‍ठ नारायण सिंह ने बिहार में नए सियासी समीकरण बनने के संकेत दिए। कहा- दोनों में सकारात्‍मक बात हुई है। कुशवाहा ने भी कहा मैं और नीतीश जी कभी अलग नहीं थे

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2021 09:56 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 03:20 PM (IST)
सीएम नीतीश कुमार के और करीब आए उपेंद्र  कुशवाहा, अब जदयू में रालोसपा के विलय से बनेंगे नए राजनीतिक समीकरण
सीएम नीतीश कुमार और रालोसपा अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो।  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) और उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की तीसरी मुलाकात के बाद जनता दल यूनाइटेड (JDU) व राष्ट्रीय लोक समता पार्टी  (RLSP)  की दूरी लगभग खत्म होती दिख रही है। विलय की बात भी पक्की मानी जा रही है। कुछ अड़चनें हैं, जिन्हें दूर करने के लिए कुशवाहा ने नीतीश से मोहलत मांगी है। रविवार को जदयू के वरिष्ठ नेता बशिष्ठ नारायण सिंह (Vashishthh Narayan Singh) की मौजूदगी में मुख्यमंत्री आवास में दोनों प्रमुख नेताओं की लंबी और सकारात्मक बातें हुईं। दोनों ओर से आत्मीयता दिखाई गई। सबकुछ अच्छा होने का दावा किया गया। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में दोनों दल एक हो जाएंगे।

loksabha election banner

कुशवाहा का स्‍वीकार

नीतीश कुमार से मिलने के लिए कुशवाहा मुख्यमंत्री आवास में बशिष्ठ नारायण सिंह के साथ पहुंचे थे। करीब पौन घंटे बातचीत हुई। मुलाकात के बाद सीएम आवास से बाहर निकले उपेंद्र कुशवाहा ने भी स्वीकार किया कि नीतीश से वह कभी अलग नहीं थे। उनसे मेरा राजनीतिक विरोध था। आगे के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

बन रहे हैं नए सियासी समीकरण

हालांकि कुशवाहा ने खुद इस मुलाकात के बारे में ज्यादा बताने से परहेज किया, लेकिन बशिष्ठ नारायण सिंह ने मीडिया से बात करते हुए सबकुछ साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश और कुशवाहा के बीच पारिवारिक सदस्य की तरह बात हुई। किसी ने कोई शर्त नहीं रखी। पूरी उम्मीद है कि हम जल्द ही एक हो जाएंगे। राजनीतिक मतभेद के चलते उन्होंने अपना रास्ता अलग कर लिया था। अब उनके आने से जदयू को मजबूती मिलेगी, क्योंकि उनकी पकड़ समाज के सभी समुदायों पर है।

रालोसपा के एक वरिष्ठ नेता ने भी बताया कि लोक जनशक्ति पार्टी को राजग से बाहर का रास्ता दिखाने पर आमदा जदयू ने रालोसपा को साथ आने का न्योता दिया है। हालांकि प्रत्यक्ष तौर पर कुशवाहा जदयू में रालोसपा के विलय के सवाल को खारिज करते हैैं। उन्होंने कहा कि जदयू को भी अपनी भावना से अवगत करा दिया गया है।

पिछले महीने भी हुई थी मुलाकात

दोनों नेताओं की यह तीसरी मुलाकात है। पहली बार विधानसभा चुनाव (state assembly elections) के नतीजे (result) आने के बाद दोनों मिले थे। उसके बाद दो दिसंबर को मिलना हुआ था। तब भी जदयू में रालोसपा के विलय की बात उठी थी, लेकिन उस वक्त भी कुशवाहा ने जदयू में अपनी पार्टी का विलय करने से साफ इन्कार कर दिया था। फिर भी चर्चा है कि कुशवाहा और नीतीश कुमार की मुलाकात का परिणाम जल्द सामने आएगा और बिहार में नया राजनीतिक समीकरण बन सकता है। फिलहाल, इस मुलाकात को विधान परिषद (state legislative Council)  की राज्यपाल कोटे की खाली 12 सीटों को भरे जाने के मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.