TET अभ्यर्थियों के पक्ष में उतरे उपेंद्र कुशवाहा, राज्यपाल व मुख्यमंत्री से की यह मांग
पात्रता परीक्षा में शामिल होने के लिए ऐसी शर्तें रख दी गईं हैं जिसके कारण लाखों युवा शिक्षक नहीं बन पाएंगे। यह कहना है रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का।
पटना, राज्य ब्यूरो। पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री और रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आठ वर्ष बाद शिक्षक बहाली के लिए आयोजित की जा रही पात्रता परीक्षा में शामिल होने के लिए ऐसी शर्तें रख दी गईं हैं, जिसके कारण लाखों युवा शिक्षक नहीं बन पाएंगे। उन्होंने राज्यपाल फागू चौहान को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
कुशवाहा ने कहा कि 'विषय समूह' के नाम पर बड़ी संख्या में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को इससे वंचित कर दिया गया है। विषय समूह में शामिल विषय से अगर कोई स्नातक नहीं हैं तो वह पात्रता परीक्षा में बैठ नहीं सकता है। इसी प्रकार जो छात्र इस बार बी.एड की परीक्षा दे रहे हैं, उन्हें भी मौका नहीं दिया जा रहा।
उन्होंने कहा कि काॅमर्स के साथ बी.एड करने वालों को भी इजाजत नहीं दी गई है। एक अन्यायपूर्ण फैसले में 18 माह के प्रशिक्षण कार्यक्रम को एनसीटीई ने मान्यता देने से इनकार कर दिया है, जबकि यह कोर्स भारत सरकार ने ही आरंभ किया है। इस फैसले से प्रदेश के दो लाख से अधिक प्रशिक्षित छात्र प्रभावित हुए हैं। कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी इन समस्याओं के निदान का आग्रह किया है। संवाददाता सम्मेलन में वृषिण पटेल एवं राजेश यादव भी मौजूद थे।