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ललन का बड़ा बयान, यूपी में कितनी ईमानदारी से भाजपा का आफर था, आरसीपी को आकलन करना चाहिए

UP Chunav 2022 ललन सिंह ने सोमवार को कहा कि यूपी में कितनी ईमानदारी के साथ जदयू को भाजपा का आफर था यह केंद्रीय मंत्री रामचंद्र बाबू (आरसीपी) को आकलन करना चाहिए। हमलोग तो बात में कहीं नहीं थे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 05:36 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 05:36 PM (IST)
ललन का बड़ा बयान, यूपी में कितनी ईमानदारी से भाजपा का आफर था, आरसीपी को आकलन करना चाहिए
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना। यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बनने पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने सोमवार को कहा कि यूपी में कितनी ईमानदारी के साथ जदयू को भाजपा का आफर था यह केंद्रीय मंत्री रामचंद्र बाबू (आरसीपी) को आकलन करना चाहिए। हमलोग तो बात में कहीं नहीं थे। बातचीत का जिम्मा उन्हें दिया गया था। आरसीपी ने जो कहा उस पर हमलोगों ने भरोसा किया।

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ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह ने यह बताया था कि सीट शेयरिंग को लेकर सकारात्मक बातचीत हो रही है। यह भी कहा गया कि सीटों की सूची मांगी गई है। इसी आधार पर हमलोग इंतजार कर रहे थे। इसी बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में यह बयान दिया कि यूपी में उनका गठबंधन अपना दल व संजय निषाद की पार्टी से है। हमारे लिए यह चौंकाने वाला था। इस पर आरसीपी सिंह को हम लोगों ने यह कहा कि कम से कम भाजपा नेतृत्व की ओर से यह बयान तो आना चाहिए कि यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू से उनकी बात चल रही है। आरसीपी सिंह ने कहा कि वह ऐसा करा देते हैं। जब कोई सकारात्मक संदेश नहीं आया तो हमलोगों ने अपने दम पर यूपी में चुनाव लड़ने का मन बना लिया।

गठबंधन में ऐसा नहीं होना चाहिए

यूपी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के नाम का ऐलान अब तक नहीं हो पाने के संबंध में पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यूपी प्रदेश अध्यक्ष को इसके लिए अधिकृत कर दिया गया है। एक-एक सीट के लिए कई दावेदार हैं। जो सशक्त हैं उन्हें टिकट दिया जाए। कुछ अन्य सीटों पर भी हमारी तैयारी है। कई राज्यों में हम भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़े हैं। एक राजनीतिक दल के रूप में हमें भी अपना विस्तार करना है। अरुणाचल प्रदेश में हम गठबंधन में थे पर भाजपा ने उनके छह विधायकों को अपने साथ कर लिया। गठबंधन में ऐसा नहीं होना चाहिए। 


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