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Budget 2021: ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ेंगे बिहार के 46 हजार गांव, जानिए, राज्‍य को क्‍या मिला और कहां मिली निराशा

Union Budget 2021 बिहार को केंद्र के आम बजट से स्‍पेशल कुछ नहीं मिला। हां राज्‍य के 46 हजार गांव ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़े जाएंगे। आम बजट में बिहार को क्‍या मिला और कहां मिली निराशा जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 02:27 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 06:21 AM (IST)
Budget 2021: ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ेंगे बिहार के 46 हजार गांव, जानिए, राज्‍य को क्‍या मिला और कहां मिली निराशा
वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया आम बजट। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को साल 2021-22 का बजट (Union Budget) पेश किया। इसमें राज्‍य के सभी 45945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने की बात है। बिहार के अर्थशास्त्री डॉ. नवल किशोर चौधरी कहते हैं कि बिहार जैसे पिछड़े राज्य को स्‍पेशल पैकेज की उम्‍मीद थी। बजट में राेजगार व आयकर में राहत के क्षेत्रों में भी निराशा हाथ लगी है। आइए नजर डालते हैं बिहार को क्‍या मिला खास और वो कौन सी उम्‍मीदें हैं, जो पूरी नहीं हो सकीं।

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ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़े जाएंगे सभी गांव

बजट बिहार में हाई स्‍पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के क्षेत्र में उम्‍मीद जगाता है। बिहार की बात करें तो राज्‍य के 45945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा। यह महत्‍वाकांक्षी योजना केंद्र सरकार ने बीते 21 सितंबर 2020 को लागू की गई थी।

विशेष राज्य या विशेष पैकेज को लेकर कोई घोषणा नहीं

बिहार की नीतीश सरकार कई साल से राज्‍य के लिए विशेष राज्य के दर्जा की करती रही है। बजट में इसे लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के लिए 1.65 लाख करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा की थी। उसकी बहुत सारी राशि पहले ही मिल चुकी है, लेकिन शेष राशि के लिए घोषणा का भी इंतजार था।

पूरी नहीं हुई पटना विवि को केंद्रीय विवि बनाने की मांग

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पटना विश्‍वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग कर चुके हैं।  उस वक्‍त से इस मांग के पूरे होने का इंतजार किया जा रहा है। इस बजट में भी इसे लेकर कोई घोषणा नहीं की गई।

नहीं की गई इंडस्‍ट्रीयल कॉरीडोर के निर्माण की घोषणा

अमृतसर-हावडा इंडस्‍ट्रीयल कॉरीडोर के निर्माण की घोषणा की उम्‍मीद भी पूरी नहीं हुई। इस कॉरीडोर के बनने से बिहार के औरंगाबाद, गया व कैमूर सहित छह जिलों को फायदा होता। दिल्ली व मुंबई की तरह विदेशी कंपनी के सहयोग से बिहार में भी उद्योग के लिए डेडिकेटेड कॉरीडोर की सुविधा देने की उम्‍मीद थी। बजट इसपर भी मौन रहा।

बिहार के 13 पिछड़े जिलों में उद्योग व करों में नहीं मिली राहत

देश के 117 पिछड़े जिलों में शामिल बिहार के 13 जिलों में उद्योग व करों में राहत की उम्‍मीद थी। हालांकि, इस दिशा में स्‍पष्‍ट तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई।

बिहार को रेल के क्षेत्र में भी हाथ लगी निराशा

रेल के क्षेत्र में भी बिहार को निराशा हाथ लगी। बिहटा-औरंगाबाद नई रेल लाइन परियोजना और प्रस्तावित बिहटा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को पटना मेट्रो से जोड़ने की मांग पूरी नहीं हो सकी।

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