Move to Jagran APP

पटना के मगध महिला समेत बिहार के 60 कॉलेजों पर UGC गिराएगा गाज

योजनाओं के लिए आई राशि को गबन करने के मामले में यूजीसी सख्त हो गया है। पैसों के हेरफेर के आरोप में करीब साठ कॉलेजों पर एफआइआर दर्ज कराने की तैयारी चल रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 11:07 AM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 11:07 AM (IST)
पटना के मगध महिला समेत बिहार के 60 कॉलेजों पर UGC गिराएगा गाज
पटना के मगध महिला समेत बिहार के 60 कॉलेजों पर UGC गिराएगा गाज

पटना, जेएनएन। योजनाओं के नाम पर राशि गबन करना अब कॉलेजों को महंगा पड़ेगा। इसके लिए यूजीसी सख्त हो गया है। बिहार के साठ कॉलेजों पर गाज गिरने जा रही है। इसके तहत इन कॉलेजों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। इसमें बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कॉलेज शामिल हैं।

loksabha election banner

इन कॉलेजों ने कई बार रिमाइंडर के बावजूद 2002 से 2017 तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लिए गए 100 करोड़ रुपये का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं दिया है। यूजीसी के पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय के संयुक्त सचिव अजय कुमार खंडूरी ने सभी कॉलेजों को सात दिनों के अंदर यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट तय फॉर्मेट में नहीं देने पर संबंधित प्राचार्य व कर्मियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कर पटना हाईकोर्ट में अपील करने की नोटिस भेजी है।

वस्तुस्थिति से करा दिया गया था अवगत

यूजीसी कोर्ट में अपील कर हिसाब नहीं देने वाले कॉलेजों से राशि वसूल करने के लिए कॉलेजों की डिपोजिट जब्त करने की मांग करेगा। उन्होंने बताया कि जनवरी से मार्च, 2019 के बीच सभी कॉलेजों के प्राचार्य को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया था। बावजूद कार्रवाई सिफर है। सूची में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कॉलेज शामिल हैं।

मान्यता खत्म कर सुविधाएं होंगी बंद

सूची में मगध महिला कॉलेज, पटना साइंस कॉलेज, एएन कॉलेज, कॉलेज ऑफ कॉमर्स आट्र्स एंड साइंस, पटना वीमेंस कॉलेज सहित पटना के अधिसंख्य कॉलेज शामिल हैं। सभी कॉलेजों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि तय फॉर्मेट में यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं देने पर उनकी मान्यता खत्म कर यूजीसी से मिलने वाली सभी सुविधाएं बंद कर दी जाएगी। भविष्य में किसी भी योजना की राशि से कॉलेज को वंचित होना होगा।

लंबित सभी योजनाओं की सूची भेजी

यूजीसी ने पत्र के साथ कॉलेजों को उन योजनाओं की सूची भी भेजी है, जिसका यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जमा नहीं किया गया है। विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यों का कहना है कि 17 साल पुरानी योजनाओं की फाइल खोजने में पसीने छूट रहे हैं। संबंधित प्राचार्य, शिक्षक और कर्मी सेवानिवृत्त हो चुके हैं या उनका ट्रांसफर हो गया है। ऐसी स्थिति में कार्रवाई से बचने के लिए यूजीसी से समय मांगा गया है। सबसे अधिक राशि सेमिनार, कार्यशाला, गोष्ठी, एससी-एसटी छात्रों के लिए कोचिंग सेंटर, हेल्पलाइन सेंटर, कॉमन रूम आदि में खर्च किए गए हैं। प्राचार्यों का कहना है कि जिनके कार्यकाल की योजनाओं का यूसी लंबित है। उनसे संपर्क किया जा रहा है।

यूजीसी से समय बढ़ाने की लगाई गुहार

एएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो. शशि प्रताप शाही ने बताया कि जल्द ही यूजीसी द्वारा तय फॉर्मेट में यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेज दिया जाएगा। यूजीसी से समय बढ़ाने की मांग की गई है। मगध महिला की प्राचार्या प्रो. शशि शर्मा ने बताया कि जिनके कार्यकाल की योजनाएं हैं। वह सेवानिवृत्त हो चुकी हैं या दूसरे स्थानों पर नियुक्त हैं। संबंधित से संपर्क किया जा रहा है। बगैर तत्कालीन प्राचार्या और अधिकारियों के सहयोग के तय फॉर्मेट में जवाब देना संभव नहीं होगा। कॉलेज ऑफ कॉमर्स आट्र्स एंड साइंस के प्राचार्य प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि यूजीसी का पत्र प्राप्त होने के बाद एक-एक बिंदु पर जवाब तैयार किया जा रहा है।

रिकार्ड रूम की बदहाली का रोना नहीं चलेगा

यूजीसी के अधिकारियों ने बताया कि अधिसंख्य कॉलेजों ने पूर्व के जवाब में कहा है कि उनके यहां रिकार्ड रूम की स्थिति बेहतर नहीं है। इस कारण तय फॉर्मेट में जवाब तैयार करने में परेशानी हो रही है। यूजीसी के पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय के संयुक्त सचिव ने कहा कि तय फॉर्मेट में ही सर्टिफिकेट स्वीकार किए जाएंगे। ई-मेल (ugcero_kolkata@yahoo.com) भी जवाब सबमिट कर सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.