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बाहुबली विधायक अनंत सिंह पर नहीं लगाया गया UAPA, पटना हाईकोर्ट में भी हुई सुनवाई

बिहार के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है। AK- 47 राइफल की बरामदगी के मामले में UAPA Act नहीं लगाया गया है। उधर पटना हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 07:00 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 10:17 PM (IST)
बाहुबली विधायक अनंत सिंह पर नहीं लगाया गया UAPA, पटना हाईकोर्ट में भी हुई सुनवाई
बाहुबली विधायक अनंत सिंह पर नहीं लगाया गया UAPA, पटना हाईकोर्ट में भी हुई सुनवाई

पटना, जेएनएन। बिहार के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है। AK- 47 राइफल की बरामदगी के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम विधेयक 2019 (Unlawful Activities Prevention Act 2019) नहीं लगाया गया है। इस मामले में पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट में यूएपीए विधेयक (UAPA Act) नहीं लगाया गया है। बताया जाता है कि अनंत सिंह के खिलाफ दायर चार्जशीट में आर्म्स एक्‍ट तथा विस्‍फोटक अधिनियम ही लगाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार यूएपीए एक्‍ट पर अभी पुलिस की ओर से अनुसंधान जारी है। उधर, गुरुवार को ही अनंत सिंह के इसी मामले में पटना हाईकोर्ट सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्‍य सरकार से पूछा है कि एके- 47 से जुड़े अनंत सिंह के मामले की क्यों नहीं निष्पक्ष एजेंसी से जांच हो। 5 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।

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बता दें कि इसी साल अगस्‍त माह में मोकामा विधायक अनंत सिंह के बाढ़ स्थित घर से पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर एके 47 राइफल और हैंड ग्रेनेड को बरामद किया था। कारतूस भी बरामद किए गए थे। बाद में इस मामले में अनंत सिंह ने दिल्‍ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सरेंडर किया था। कोर्ट ने उन्‍हें बाढ़ कोर्ट में सुनवाई के लिए भेज दिया। साथ ही विधायक को भी बिहार पुलिस को सौंप दिया।

एके 47 रखने के आरोप में जेल में बंद मोकामा के विधायक अनंत सिंह के मामले पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई कीl कोर्ट ने राज्य सरकार को हलफनामा दायर कर बताने को कहा कि विधायक सिंह पर लगे आरोपों की किसी निष्पक्ष एजेंसी से क्यों नहीं जांच करा ली जाए? निर्दलीय विधायक अनंत सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री के इशारे पर राज्य सरकार उनपर दमनात्मक कार्रवाई कर रही है। ऐेसे में निष्पक्ष जांच की कतई संभावना नहीं है l

निर्दलीय विधायक सिंह ने हाईकोर्ट में एक आपराधिक याचिका दायर कर कहा कि उन्हें अनेक तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है। उनके पीछे जनता दल यू के कई बड़े नेता, मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री नीरज कुमार, बाढ़ के एएसपी लिपि सिंह सहित कई लोग लगे हुए हैं। इसका कारण यह है कि वे जनता दल यू के उम्मीदवारों के खिलाड़ लोकसभा एवं विधानसभा का चुनाव लड़ने की हिमाकत की थी।  

इस मामले पर आज न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता के वकील अजय कुमार ठाकुर ने बताया कि विधायक सिंह को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण फंसाया गया है। इनके जान जाने की भी आशंका है l विधायक बनने के बाद तो सत्तारूढ़ सरकार के लोग हाथ धोकर पीछे पड़े हुए हैं l मालूम हो कि 16 अगस्त को इनके निवास स्थान से स्थानीय पुलिस ने द्वारा एके- 47 को जब्‍त करने का दावा किया था। इस सिलसिले में बाढ़ पीएस केस नंबर 389/2019 दर्ज किया गया था। विधायक सिंह ने इस मामले को राज्य पुलिस से हटा कर निष्पक्ष जांच एजेंसी को सौंपने का अनुरोध किया है । अगर संभव हो तो सीबी आई से भी जांच कराने में उन्हें किसी प्रकार की हिचक नहीं होगी। राज्य सरकार का जवाब आने के बाद 5 दिसंबर को मामले की सुनवाई होगी।   


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