छपरा में जिस महिला की हत्या में डेढ़ साल से सजा काट रहे थे दो युवक वो निकली जिंदा, मुंबई कनेक्शन ने चौंकाया
डेढ साल पहले जिस महिला की हत्या मामले में दो लोगों को जेल भेजा गया था उसे पुलिस ने मुजफफरपुर से जिंदा बरामद किया है। वर्ष 2019 के मई माह में डेरनी थाने के ककरहट गांव से एक महिला अपने बेटे के साथ गायब हो गई थी।
जासं, छपरा: डेढ साल पहले जिस महिला की हत्या मामले में दो लोगों को जेल भेजा गया था उसे पुलिस ने मुजफफरपुर से जिंदा बरामद किया है। मढ़ौरा एसडीपीओ इंद्रजीत बैठा ने बताया कि वर्ष 2019 के मई माह में डेरनी थाने के ककरहट गांव से एक महिला अपने बेटे के साथ गायब हो गई थी। इसके दो दिनों बाद भेल्दी थाने के हकमा गांव में डाबरा नदी के किनारे पुलिस ने एक महिला का शव बरामद किया गया था। पहचान नहीं होने पर चौकीदार के बयान पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। अगले दिन अखबार में खबर छपने के बाद महिला के पिता परसा थाने के बाजितपुर गांव निवासी विजय सिंह मौके पर पहुंचे और शव की पहचान अपनी बेटी स्वीटी देवी के रूप में की थी। बेटी की हत्या के आरोप में ससुराल के पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था। इस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। काफी जांच पड़ताल के बाद पुलिस को जब शक हुआ तब तकनीकी साक्ष्य के आधार पर मुजफ्फरपुर से महिला को उसके बच्चे समेत गिरफ्तार कर व्यवहार न्यायालय लाया गया।
क्या था मामला
परसा थाना क्षेत्र के बाजितपुर गांव निवासी विजय सिंहकी पुत्री स्वीटी देवी की शादी डेरनी थाना क्षेत्र के ककरहट गांव के मनबोध कुमार से वर्ष 2008 में शादी हुई थी। उसके दो पुत्र थे। मनबोध की दिमागी हालत ठीक नहीं थी। 15 मई 2019 को स्वीटी सात वर्षीय अपने छोटे पुत्र पवन को टेंपो में बैठाकर अपने ससुराल से निकल गई। इसके बाद ससुराल वालों ने घर से जाने की सूचना स्वीटी के पिता विजय सिंहको दी थी। देर शाम तक अपने मायके नहीं पहुंची तब स्वजन तलाश में जुट गए। घटना के दो दिनों बाद 17 मई को भेल्दी के हकमा के समीप डबरा नदी से भेल्दी पुलिस ने एक महिला के शव को बरामद किया। जानकारी मिलने पर मायके वाले थाना पहुंचे जहां उन्होंने शव को देख अपनी पुत्री के रूप में की। इस मामले में विजय सिंहद्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज करा ससुराल के पाचं लोगों को अभियुक्त बनाया था।
और दो लोगों को भेज दिया जेल
कांड के अनुसंधानकर्ता शिवनाथ राम द्वारा कार्रवाई करते हुए दो लोगों को इस मामले में जेल भेज दिया था। केस में भेल्दी थानाध्यक्ष विकास कुमार को अनुसंधानक बनाया गया। इस दौरान काफी जांच पड़ताल के बाद पता चला कि महिला घर से निकलने के बाद सीधे मुंबई अपने छोटे पुत्र के साथ चली गई थी। इसके बाद मुजफ्फरपुर आ गई। पुलिस को भनक लगी और उसे बरामद किया गया।
निर्दोष को मिला न्याय
एसडीपीओ मढ़ौरा इंद्रजीत बैठा ने कहा कि काफी पड़ताल के बाद स्वजनों से पता चला कि महिला और बच्चा जिंदा है। इसके बाद दोनों को सकुशल बरामद किया गया। निर्दोष लोग जेल की सजा काट रहे थे। उन्हें न्याय दिलाकर राहत महसूस हो रही है।