पुलिस की खिदमतदारी पड़ी भारीः मीट-भात खाकर हाथ धोने गए दो कैदी सिपाही को पीट कोर्ट रूम से फरार Patna News
पंचवटी ज्वेलर्स से पांच करोड़ का सोना लूटने वाले गैंग का सरगना और रंगदारी मामले में जेल में कैद एक अपराधी सिपाही की पिटाई कर कोर्ट रूम से फरार हो गया।
पटना, जेएनएन। पटना पुलिस की कैदियों को खिदमत देने की आदत महंगी पड़ गई। बुधवार की शाम पटना सिविल कोर्ट से करीब चार बजे फिर दो कैदी फरार हो गए। कोर्ट परिसर स्थित होटल में मीट-भात खाने के बाद पंचवटी ज्वेलर्स से पांच करोड़ रुपये का सोना लूटने वाले गैंग का सरगना रवि पेसेंट और रंगदारी मामले में कैद आशीष राय सिपाही अजय सिंह की पिटाई कर फरार हो गए। रवि और आशीष बेउर जेल में बंद थे। उन्हें पेशी के लिए लाया गया था।
पिस्टल की बट और ईंट से की पिटाई
सूचना मिलते ही टाउन डीएसपी सुरेश कुमार कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। नकलखाना के पीछे से पुलिस ने हरे रंग की पॉलीथिन से टूटी मैगजीन और चार गोलियां जब्त कीं। खून के निशान मिलने की बात भी मिली है। बताया जाता है कि नकलखाना के पीछे पहले से रवि के गुर्गे मौजूद थे। उन्होंने पिस्टल की बट और ईंट से सिपाही अजय सिंह की बुरी तरह पिटाई कर दी। इससे उसका सिर फट गया। उसमें सात टांके लगे हैं। पुलिस को मौके से खून के धब्बे भी मिले। रवि और आशीष दोनों सिविल कोर्ट की बाउंड्री पार कर गंगा के किनारे होकर भाग निकले।
भागने के बाद पुलिस ने शुरू की छापेमारी
वारदात के बाद अधिकारियों ने फोन उठाना बंद कर दिया है। देर शाम एसएसपी गरिमा मलिक ने मातहतों के साथ बैठक बुलाई। रंगदारी सेल की टीम स्थानीय थानों की मदद से रवि पेसेंट और आशीष राय के ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है।
सोना लूटकांड में जेल गया था रवि पेसेंट
राजीव नगर थानांतर्गत आशियाना -दीघा रोड स्थित पंचवटी ज्वेलर्स से पांच करोड़ का सोना और 13 लाख नकदी लूटकांड में पुलिस ने एक जुलाई को रवि गुप्ता उर्फ रवि पेसेंट उर्फ नेताजी (बड़ी पटनदेवी हाजमा गली, आलमगंज), विकास माली और सीपु कुमार को गिरफ्तार किया था। उनके पास से छह लाख 30 हजार रुपये भी बरामद हुए थे। घटना 21 जून को दिनदहाड़े हुई थी। बदमाशों ने दुकान के मालिक और गार्ड दीपू को पिस्तौल की बट से घायल कर दिया था। रवि पर पटना और आसपास के थानों में 20 से अधिक लूट व हत्या की प्राथमिकी दर्ज हैं। उसपर झारखंड में भी मुकदमा दर्ज है। इस वारदात में इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की कार्रवाई सुस्त पड़ गई, जबकि कांड में सात आरोपित अब भी फरार हैं।
2016 में गिरफ्तार हुआ था आशीष राय
आशीष राय को कदमकुआं थाने की पुलिस ने जनवरी 2016 में रंगदारी के एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह कुर्जी बालूपर का रहने वाला है। बताया जाता है कि जेल में ही रवि पेसेंट से उसकी मुलाकात हुई और बहुत कम समय में दोनों अच्छे दोस्त बन गए। कोर्ट हवालात से बाहर निकालने के बाद दोनों को एक ही हथकड़ी से बांधा गया था।