Bank strike: 31 जनवरी से दो दिनों की बैंक हड़ताल, बैंककर्मियों को 15% वेतन वृद्धि मंजूर नहीं
वेतन वृद्धि की मांग को लेकर पूरे देश के बैंककर्मी 31 जनवरी से दो दिनों की हड़ताल पर चले जाएंगे। बैंककर्मियों ने 15% से कम वेतन वृद्धि की मांग को ठुकरा दिया है ।
पटना, जेएनएन। वेतनमान में 15 फीसद से अधिक वृद्धि की मांग को लेकर देशभर के बैंककर्मियों ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है और कहा है कि अगर उनकी वेतन वृद्धि की मांगें नहीं मानी गईं को वे पहले दो दिनों की हड़ताल करेंगे और फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। बता दें कि मुंबई में इंडियन बैंक एसोसिएशन और यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बीच सोमवार को हुई बैठक बेनतीजा रही।
अभी दो दिनों की होगी हड़ताल
बैंककर्मियों ने 31 जनवरी और एक फरवरी को हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। बैंककर्मियों के मुताबिक दो दिवसीय हड़ताल के बाद भी उनकी मांगें नहीं माने जाने पर 11,12 और 13 मार्च तक फिर तीन दिवसीय हड़ताल पर रहने की घोषणा की है। उसके बाद भी अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो एक अप्रैल से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष डॉक्टर कुमार अरविंद ने बताया कि मुख्य मांग पर प्रबंधन सवा 12 फीसद वेतन वृद्धि को तैयार है। उन्होंने बताया कि 2015 में 15फीसद वेतनवृद्धि की गई थी। सभी बैंकों की नौ यूनियनों ने बैठक में भाग लिया था। स
सर्वसम्मति से सभी ने स्पष्ट कहा कि 15 फीसद से कम वेतनवृद्धि मान्य नहीं होगी। इस फैसले के बाद बैंककर्मियों के द्वारा दो दिनों के हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया है। ये देशव्यापी बंद होगी। इसमें देशभर के सभी बैंक शामिल होंगे। बैंक से जुड़े अन्य मुद्दों को हड़ताल में शामिल कर प्रबंधन पर दबाव बनाया जाएगा।
आठ जनवरी को भी हड़ताल पर गए थे बैंककर्मी
बैंक कर्मचारियों के कई यूनियनों ने आठ जनवरी को हड़ताल किया था, जिससे बैंकों का कामकाज प्रभावित हुआ था। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला किया था।
ट्रेड यूनियनों ने नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों को श्रमिक विरोधी बताते हुए भारत बंद का आह्वान किया था। बैंकों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के इस हड़ताल में शामिल होने से बैंकिंग सेवाएं बाधित रही थीं। बैंक यूनियनों की इस हड़ताल का बिहार में भी असर दिखा था।