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कोरोना काल में GST संग्रह में परेशानी, सुशील मोदी बोले- भरपाई करे केंद्र सरकार चाहे लेना पड़े कर्ज

बिहार के उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी ने केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू करते समय राज्यों से किए गए वादे को निभाने को कहा है। उन्‍होंने जीएसटी संग्रह की क्षतिपूर्ति का अग्रह किया है।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 08:39 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 09:54 PM (IST)
कोरोना काल में GST संग्रह में परेशानी, सुशील मोदी बोले- भरपाई करे केंद्र सरकार चाहे लेना पड़े कर्ज
कोरोना काल में GST संग्रह में परेशानी, सुशील मोदी बोले- भरपाई करे केंद्र सरकार चाहे लेना पड़े कर्ज

पटना, राज्य ब्यूरो। कोरोना काल (CoronaVirus Era) में राज्यों को लगातार वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह में हो रहे परेशानी की ओर बिहार ने केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट किया है। उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा है कि केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू करते समय राज्यों से वादा किया था। कहा था कि तय लक्ष्य से कम कर संग्रह होने पर वह क्षतिपूर्ति करेगा। इसके लिए तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बाकायदा क्षतिपूर्ति कोष सृजित किया था। अब लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से केंद्र सरकार भी कर संग्रह लक्ष्य को लेकर परेशान है। केंद्र सरकार को भी भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में केंद्र से आग्रह है कि वह या तो क्षतिपूर्ति मद से राशि की भरपाई करे, या स्वयं कर्ज लेकर अपने वादे को पूरा करे। इसमें भी कठिनाई है तो वह राज्यों को कम ब्याज दर पर कर्ज दिलाने के लिए गारंटर बने। यह भी बताए कि आगे वित्तीय स्थिति में सुधार होने के बाद वह राज्यों द्वारा जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में लिए गए कर्ज की भरपाई करेगा।

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क्षतिपूर्ति कोष हुआ खाली

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू करते समय बाकायदा क्षतिपूर्ति कोष सृजित किया था। इसमें कुछ विशेष मद राशि डालने का प्रावधान किया था। जैसे कि कोयला, तंबाकू उत्पाद और शीतल पेय आदि की बिक्री पर लगने वाले कर संबंधित आय से कोष में राशि डाली जाती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इन सब उत्पादों की बिक्री प्रभावित होने के कारण क्षतिपूर्ति कोष भी खाली हो गया है। ऐसे में सरकार अब विकल्प पर विचार कर रही है।

केंद्र ने किया था आश्वस्त

बकौल मोदी, जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को प्रतिवर्ष 14 फीसद कर वृद्धि के लिए आश्वस्त किया था। कर वृद्धि 14 फीसदी से कम कर संग्रह होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया था। वर्ष 2019-20 में बिहार का जीएसटी के तहत कुल कर संग्रह 16,008.46 करोड़ रहा। जबकि, केंद्र ने 21,315.60 करोड़ की गारंटी दी थी।

लॉकडाउन से राजस्व संग्रह प्रभावित

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से राज्यों के साथ केंद्र का राजस्व संग्रह भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में राज्यों को वर्ष 2020-21 की क्षतिपूर्ति की राशि के भुगतान पर आगामी दिनों में प्रस्तावित जीएसटी काउंसिल की बैठक में विचार किया जाएगा। अभी तक किसी भी राज्य को इस साल की क्षतिपूर्ति की प्रतिपूर्ति नहीं की गई है।


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