कोरोना के साथ पटरी पर आ रही इलाज व्यवस्था, अस्पतालों में बढ़ने लगी अन्य रोगियों की संख्या
सरकारी अस्पतालों में कोरोना के साथ रहते हुए अन्य रोगों के उपचार के लिए अब आमजन पहुंचने लगे हैं।
पटना, जेएनएन। कोरोना के साथ रहते हुए अन्य रोगों के उपचार के लिए अब आमजन सरकारी अस्पतालों में पहुंचने लगे हैं। शनिवार को सामान्यत: अस्पतालों में भीड़ कम कम रहती है लेकिन कोरोना काल में यह औसतन अधिक देखी जा रही है। इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी), राजवंशी नगर स्थित हड्डी अस्पताल और मधुमेह-थायराइड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल न्यू गार्डिनियर में आम दिनों की तुलना में 50 फीसद मरीज इलाज कराने पहुंचे। हालांकि, प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज पीएमसीएच में चर्म रोग और मेडिसिन विभाग को छोड़ दें तो अन्य विभागों में रोगियों की संख्या न के बराबर रही।
हृदय रोगियों की संख्या अधिक, डॉक्टर रहे गायब
मौसम में बदलाव के कारण आजकल हृदय संबंधी रोग ज्यादा सता रहे हैं। शनिवार को भी 150 रोगी ओपीडी में पहुंचे थे तो इमरजेंसी के बेड फुल थे। वहीं आइसीयू में छह रोगी भर्ती थे, जिनकी बाईपास की गई थी या वॉल्व बदले गए थे। रोगियों की संख्या अधिक होने पर भी ओपीडी के दो चैंबर खाली पड़े थे। बाद में निदेशक डॉ. अरविंद कुमार के निर्देश पर एक अतिरिक्त डॉक्टर पहुंचे।
पीएमसीएच में भी कई सीनियर डॉक्टर उठ गए पहले
पीएमसीएच में चर्म और मेडिसिन विभाग को छोड़कर अन्य विभागों में रोगी कम थे। ऐसे में कई विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर ओपीडी जूनियर डॉक्टरों के हवाले कर पहले ही चैंबर से चले गए। अधीक्षक डॉ. बिमल कारक के संज्ञान में मामला लाने पर उन्होंने व्यवस्था दुरुस्त कराने की बात कही।
न्यू गार्डिनर में गेट से इलाज कराने से रोगी नाखुश
शुगर की जांच और बीपी-थायराइड के इलाज के लिए यहां रोगियों की संख्या तो सामान्य होती जा रही है लेकिन धूप में खड़े होकर पंजीयन, इलाज व दवा मिलने से रोगियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि चैंबर के बाहर से ही सही कम से कम नंबर आने तक ठंडे में खड़े होने की तो जगह मिले।
अस्पताल, पहले औसतन मरीज, वर्तमान में
- पीएमसीएच, 2800, 1000
- आइजीआइसी, 350, 150
- न्यू गार्डिनर, 450, 175
- राजवंशी नगर, 450, 240