तीन महीने के पहले नहीं भरेगा लालू का घाव, उसके बाद होगा किडनी का इलाज
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का भगंदर का ऑपरेशन किया गया है। उनके घाव को भरने में करीब तीन महीना लग जायेगा। उसके बाद ही किडनी के इलाज के लिए जायेंगे।
पटना [राज्य ब्यूरो]। राजद प्रमुख लालू प्रसाद अभी बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। पटना में परिवार पर आरोपों के सिलसिले के साथ-साथ खराब सेहत भी परेशानियों में इजाफा कर रही है। मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में लालू प्रसाद का फिस्टुला (भगंदर) का ऑपरेशन किया गया है। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने लालू को अभी कुछ दिन अस्पताल में ही रहने की हिदायत दी है और कहा है कि पूरी तरह घाव भरने में कम से कम तीन महीने लग जाएंगे। सुकून की बात है कि रांची हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अवधि को तीन जुलाई से बढ़ाकर 17 अगस्त कर दिया है।
राजद प्रमुख के साथ मुंबई में अभी राज्यसभा सांसद डॉ. मीसा भारती और राजद के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव भी हैं। घर के लोग आ-जा रहे हैं। विधायक तेज प्रताप यादव दो दिन पहले मुंबई से लौटे हैं। डॉक्टरों ने इन्फेक्शन के डर से लालू के कॉटेज में अन्य लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। मीसा भारती एवं भोला यादव के अलावा वहां कोई आता-जाता नहीं है। पार्टी के नेताओं एवं सियासी मित्रों को भी अनुमति नहीं है।
भोला यादव ने बताया कि डॉक्टरों के मुताबिक ऑपरेशन के बाद घाव भरने की प्रक्रिया जारी है। ऊपरी हिस्से के घाव में ज्यादा परेशानी नहीं है, लेकिन अंदर के हिस्से का भी मांस काटकर हटाया गया है। ऑपरेशन वाले भाग में कई तरह की दिक्कतें और आशंकाएं हैं। पूरी तरह घाव भरने में तीन महीने लगेंगे। अभी कभी-कभी फेफड़े में कफ जमा हो जाता है। एक बार फाइनल चेकअप के बाद ही बंगलुरू जाने की तैयारी की जाएगी। बंगलुरू में लालू की किडनी का इलाज होना है।
भोला यादव ने बताया कि लालू के घाव की प्रतिदिन ड्रेसिंग हो रही है। अभी डॉ. पांड्या के नेतृत्व में सात डॉक्टरों की टीम को इलाज की जिम्मेवारी है। लालू को जितने तरह के रोग हैं, सबके विशेषज्ञों की ड्यूटी है। फिस्टुला, हार्ट, किडनी, शुगर, फेफड़े एवं न्यूरो के अलग-अलग डॉक्टर हैं। फिजिशियन अलग से है। इसके साथ ही नर्सों की ड्यूटी भी बारी-बारी से लगती है।