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महापर्व पर दर्दनाक हादसा: वैशाली में गले की माला बनी फांस, बांस में फंसने से चली गई किशोर की जान

महापर्व छठ के उल्लास एवं भक्ति के दौरान ऐसी घटना घटित हुई जिसकी चर्चा यहां हर जुबान पर है। छठ पर्व में जिस माले को स्वजनों ने बच्चे के गले में प्रसाद के रूप में पहनाया वही उसकी मौत का कारण बन गया।

By Prashant KumarEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 04:58 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 04:58 PM (IST)
महापर्व पर दर्दनाक हादसा: वैशाली में गले की माला बनी फांस, बांस में फंसने से चली गई किशोर की जान
किशोरी की मौत के बाद रोते बिलखते स्‍वजन। जागरण।

संवाद सूत्र, सहदेई बुजुर्ग (हाजीपुर)। किसकी मौत कब, कहां और किस विधि हो जाए, यह कहा नहीं जा सकता है। विधि के विधान को कोई बदल नहीं सकता है। वैशाली जिले के सहदेई ओपी क्षेत्र के चकजमाल पंचायत के वार्ड-12 में महापर्व छठ के उल्लास एवं भक्ति के दौरान ऐसी घटना घटित हुई जिसकी चर्चा यहां हर जुबान पर है। छठ पर्व में जिस माले को स्वजनों ने बच्चे के गले में प्रसाद के रूप में पहनाया, वही उसकी मौत का कारण बन गया। छठ पर्व में बच्चे के गले में स्वजनों ने माला पहनाया था। इसी बीच शौच करने के दौरान छह वर्षीय बच्चे को उधर से गुजर रही नीलगाय ने खदेड़ दिया। भागने के दौरान किशोर के गले का माला बांस में फंस गया। जिस कारण गला दबने से किशोर की मौत हो गई। देखते ही देखते छठ व्रत की खुशी मातम में तब्दील हो गई। घटना के बाद से स्वजनों में कोहराम मच गया है। परिवार के सदस्यों का रोते-रोते बुरा हाल है।

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घटना के संबंध में बताया गया है कि गुरुवार की सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के बाद देवेन्द्र राम का पूरा परिवार जब घर आया तो उसके छह वर्षीय पुत्र प्रियांशु कुमार को छठ पर्व में चढ़ा हुआ माला स्वजनों ने गले में पहना दिया। इसी बीच प्रियांशु अपने घर के बगल में ही खेत में शौच करने गया। इसी दौरान उधर से गुजर रही नीलगाय ने उसे खदेड़ दिया। जिस कारण वह वहां से भागा। भागने के दौरान उसके गले का माला बांस में फंस गया। जिस कारण गला दबने से उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

घटना की जानकारी मिलते ही स्वजन जब तक मौके पर पहुंचते तब-तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। जिसके बाद गले का माला काटकर बच्चे के शव को पेड़ से निकाला गया। स्वजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया है। मृत बच्चा आंगनबाड़ी संख्या 76 में पढ़ता था। वह दो भाइयों में छोटा था। बड़ा भाई हिमांशु कुमार 10 वर्ष का है। उसके दादा जगदीश राम एवं दादी पार्वती देवी का इस घटना के बाद बुरा हाल है। पिता हैदराबाद में मजदूरी करते हैं। बच्चे की मौत की सूचना पर काफी संख्या में ग्रामीण उसके घर पर पहुंचे। लोगों ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए स्वजनों को सांत्वना दी।


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