Transfer News: बक्सर में ही रहने की सेटिंग में लगे थे डीपीओ, डीइओ ने बिगाड़ दिया खेल
स्थानांतरण के बाद शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी अपने-अपने जगह पर चले गए लेकिन सर्वशिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राजेन्द्र चौधरी इस सेटिंग में लगे रहे कि उन्हें कहीं जाना नहीं पड़े और यहीं रह जाएं। स्थानांतरण बाद वह यहां क्यों रहना चाहते हैं सोचने वाली बात है।
जागरण संवाददाता, बक्सर : पिछले दिनों हुए स्थानांतरण के बाद शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी अपने-अपने जगह पर चले गए लेकिन, सर्वशिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राजेन्द्र चौधरी इस सेटिंग में लगे रहे कि उन्हें कहीं जाना नहीं पड़े और यहीं रह जाएं। अब स्थानांतरण के बाद भी वह यहां क्यों रहना चाहते हैं यह तो सोचने वाली बात है। हालांकि, अभी तक उनके स्टे का कोई पत्र विभाग से नहीं आया है। इधर, प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबोध कुमार ने उन्हें विरमित कर दिया है।
इस बाबत जारी पत्र में उन्होंने कहा है कि विभागीय अधिसूचना एवं निदेशक प्रशासन सह अप सचिव शिक्षा विभाग के आदेश के आलोक में उनका स्थानांतरण जिला कार्यक्रम पदाधिकारी भोजपुर आरा किया गया है। डीइओ ने लिखा है कि अधिसूचना प्रकाशित होने के एक माह से ज्यादा अवधि हो जाने के बावजूद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के पद पर कार्यरत रहना विभागीय अधिसूचना एवं निदेशक प्रशासन एवं उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना प्रमाणित होता है। आपको स्वयं स्थानांतरित जिले में योगदान कर अध्यावधि कार्यरत होना चाहिए था किन्तु बिना किसी विभागीय आदेश के जिले में कार्यरत रहना स्वेच्छाचारिता, उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना, अनुशासनहीनता, पद का दुरुपयोग तथा लापरवाही को प्रमाणित करता है। इस परिस्थिति में विभागीय अधिसूचना के आलोक में उन्होंने डीपीओ एसएसए को विरमित कर दिया है तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी योजना एवं लेखा को संपूर्ण प्रभार सौंपने का आदेश दिया है।
अपर मुख्य सचिव से की गई है डीपीओ की शिकायत
बिहार शिक्षा सेवा के अधिकारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद चौधरी के चार वर्षों से एक ही जिले में जमे रहने और इस दौरान मनमानीपूर्ण तरीके से विभागीय नियमों के विरुद्ध कार्य करने की जांच की मांग की गई है। जिले के इटाढ़ी प्रखंड के दीवान के बड़का गांव निवासी श्रीकांत सिंह ने अपर मुख्य सचिव, निदेशक प्रशासन शिक्षा विभाग एवं जिला पदाधिकारी को पत्र प्रेषित कर कई मामलों का उदाहरण देते हुए उसकी जांच की मांग की है। उन्होंने डीपीओ पर समग्र विकास अनुदान की राशि को दबाकर रखने, शिक्षकों को सेवांत लाभ का भुगतान में अनापत्ति प्रमाण पत्र देने में विलंब करने, भवन निर्माण में सही समय पर एमवी नहीं कराने तथा निर्माण कार्य पूरा हो जाने पर राशि लौटाने का नोटिस देकर शिक्षकों को परेशान करने का आरोप लगाया है। सिंह ने साक्षरता कर्मियों को भुगतान, महादलित अल्पसंख्यक एवं अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना आदि में भी मनमानी का आरोप लगाया है।