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बक्‍सर में दर्दनाक हादसा,घर में लगी आग में जिंदा जल गई महिला, बचाने में छह महिलाओं समेत सात लोग झुलसे

बक्‍सर जिले के सिमरी थाना क्षेत्र के दुधीपट्टी गांव में रविवार की दोपहर एक घर में आग लग गई। इस घटना में 45 वर्षीय एक महिला की जलकर मौत हो गई। महिला को बचाने के प्रयास में आधा दर्जन लोग जख्‍मी हो गए।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 03:03 PM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 09:28 PM (IST)
बक्‍सर में दर्दनाक हादसा,घर  में लगी आग में जिंदा जल गई महिला, बचाने में छह महिलाओं समेत सात लोग झुलसे
बक्‍सर जिले के सिमरी थाना क्षेत्र में जिंदा जली महिला। जागरण

बक्‍सर, जागरण संवाददाता। जिले के सिमरी थाना क्षेत्र के दुधीपट्टी गांव में रविवार की दोपहर लगी भीषण आग में एक महिला जिंदा जल गई। उसे बचाने के प्रयास में छह महिला समेत सात लोग गंभीर रूप से झुलस गए। अग्निकांड में झुलसे सभी को ग्रामीणों ने सिमरी पीएचसी पहुंचाया। लेकिन ड्यूटी पर किसी चिकित्सक के नहीं रहने की वजह से सभी को डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल भेजा गया। उनमें से तीन की हालत नाजुक बनी हुई है। इस घटना में मजदूरी जीवनयापन करने वाले आठ परिवारों का आशियाना समेत सबकुछ जलकर राख में तब्दील हो गया।

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आग की लपटों में घिरी थी लेकिन कपड़े-रुपये बचाने में जुटी थी रेशमी 

आगलगी की यह घटना दिन के करीब डेढ़ बजे की है। तब गांव के हरि राम की 45 वर्षीय पत्‍नी रेशमी देवी दिन का भोजन पकाने के बाद फ्री हुई थी कि ईंट की दीवार के ऊपर फूस के छप्‍पड़ में आग लग गई।  आग की लपटें देखते ही देखते तेज हो गई। रेशमी शोर मचाने लगी। इसके साथ ही वह घर में रखे बक्‍से से पैसे और अन्‍य सामान निकालने लगी। इसी बीच जलता हुआ छप्‍पड़ उसपर आ गिरा। इस बीच रेशमी देवी के चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के घरों की महिलाएं एवं अन्य लोग उसे बचाने दौड़ पड़े थे। उन महिलाओं ने जलती हुई झोपड़ी के बीच कूदकर किसी प्रकार रेशमी देवी को बाहर निकाला। लेकिन तब तक रेशमी की मौत हो चुकी थी। उसे बचाने का प्रयास करने वाली छह महिलाओं समेत सात लोग गंभीर रूप से जख्‍मी हो गए। इधर आग की लपटें तेज होकर अगल-बगल के घरों को अपनी आगोश में लेती चली गई। देखते ही देखते सात अन्‍य झोपड़‍ियां भी राख में तब्‍दील हो गई। पूरे टोले में चीख-पुकार और अफरातफरी की स्थिति हो गई। इस बीच सूचना के बावजूद फायर ब्रिगेड की टीम नहीं पहुंची। ग्रामीणों ने कि‍सी तरह आग पर काबू पाते हुए अन्य झोपड़ियों को जलने से बचा लिया गया। बावजूद इसके आग पर काबू पा लेने तक मौके पर अग्निशमन दस्ता नहीं पहुंच सका। लोगों ने बताया कि आगलगी में झुलसे सभी को सबसे पहले सिमरी पीएचसी पहुंचाया गया। लेकिन वहां एक भी चिकित्‍सक नहीं थे। तब गंभीर रूपसे झुलसे सभी लोगों को किसी तरह डुमरांव अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया।

रेशमी को बचाने के लिए की लपटों में घुस गईं महिलाएं 

बताया जाता है कि रेशमी देवी जब आग की लपटोंं में घिरी थी तब आसपड़ोस की छह महिलाएंं अपनी जान की  परवाह किए बिना उसे बचाने के लिए दौड़ पड़ीं। रेशमी को तो बचा नहीं सकीं लेकिन खुद आग की लपटों की वजह से झुलस गईं। इनमें  अरविंद राम की पत्‍नी रीमा देवी, अशोक राम की पत्‍नी तेरेया देवी, रामविलास राम की पत्‍नी, अजीत राम की पत्‍नी सोनिया देवी, दुर्योधन राम की पत्‍नी ललिता देवी और विद्यासागर राम की पत्‍नी लवंगी देवी शामिल हैं। इनके अलावा शिवविलास राम भी जख्‍मी हो गए। साथ ही इन सभी के घर भी जल गए हैं।

नहीं पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम 

सिमरी क्षेत्र को बक्सर जिले का सबसे अधिक अग्नि प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। वर्ष 2012 लगी भीषण आग के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अग्निपीड़ितों का हाल जानने  सिमरी आए थे। तब क्षेत्र की गम्भीरता का आकलन के बाद उन्होंने सिमरी में स्थायी रूप से एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी देने का वायदा भी किया था। पर समय के साथ मुख्यमंत्री का आश्वासन भी काल के गर्द में समाकर लुप्त हो गया। हालांकि सिमरी थाना के लिए स्थाई रूप से फायर ब्रिगेड की एक छोटी गाड़ी तो जरूर दी गई है, पर चालक के आभाव में गाड़ी को शोभा की वस्तु बना देख उस एकमात्र गाड़ी को भी वापस डुमरांव भेज दिया गया। अब सिमरी में कोई घटना होने पर भी डुमरांव से गाड़ी सिमरी पहुंचती है, तब आग पर काबू पाया जाता है। हालांकि प्रायः अग्निशमन दल के पहुंचने तक सबकुछ जलकर राख बन चुका होता है।


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