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बिहार: थाने में लगी भीषण आग, जल रही थीं टॉपर घोटाले की कॉपियां, चोर भी भागा

पटना के कोतवाली थाने में गुरुवार को भीषण आग लग गई जिसमें टॉपर्स घोटाले से संबंधित कॉपियां जलकर राख हो गईं। अाग लगने से मची अफरातफरी के बीच एक चोर भी पुलिस की गिरफ्त से निकल भागा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 11:26 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 07:46 PM (IST)
बिहार: थाने में लगी भीषण आग, जल रही थीं टॉपर घोटाले की कॉपियां, चोर भी भागा
बिहार: थाने में लगी भीषण आग, जल रही थीं टॉपर घोटाले की कॉपियां, चोर भी भागा

पटना, जेएनएन। कोतवाली थाने में गुरुवार की सुबह आग लग गई। पहली मंजिल के एक कमरे में लगी आग तीन कमरों तक फैल गई, जिससे बिहार में हुई टॉपर घोटाले से जुड़ी कॉपियां जल गईं। वहीं एक बंदी भी सिपाहियों को चकमा देकर भाग निकला।

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आग से जहां कमरों और बरामदे में रखी बिहार बोर्ड की कुछ कॉपियां, जब्त शराब सहित कई पुराने दस्तावेज जलकर रख हो गए। आग लगने से थाने में अफरातफरी मच गई तो इसका फायदा उठाकर थाने में पूछताछ के लिए लाया गया संदिग्ध अपराधी भी फरार हो गया।

आग को देखकर पुलिस ने फायर ब्रिगेड को खबर की। चार दमकल की गाडिय़ां मौके पर पहुंचीं। करीब दो घंटे बाद आग पर काबू पाया गया। कोतवाली इंस्पेक्टर रामशंकर ने बताया कि संदिग्ध अपराधी जो फरार हो रहा था उसे थाने के बाहर ही गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि शॉर्ट-सर्किट से आग लगी थी। आग से जब्त महुआ व कुछ पुराने पेपर जले हैं। 

आग लगने की सूचना पाकर एसएसपी गरिमा मलिक सिटी एसपी विनय तिवारी, एएसपी लॉ एंड ऑर्डर स्वर्ण प्रभात भी कोतवाली पहुंच गए। 

हाजत के ऊपर लगी थी आग, बाहर निकाले गए बंदी 

कोतवाली थाने की पहली मंजिल पर जब्त सामान, 20 साल से अधिक पुराने दस्तावेज सहित अन्य सामान रखे गए हैं। होमगार्ड के जवान और पुलिस पदाधिकारियों के आराम करने के लिए भी दो कमरे हैं। सुबह करीब सात बजे एक कमरे में शॉर्ट-सर्किट के कारण आग लग गई।

कमरे में कोई नहीं था। इससे वहां रखे बिहार बोर्ड की कॉपियों में आग लग गई। इस बात की खबर थाने में ड्यूटी पर तैनात दारोगा और सिपाही को तब लगी जब लपटें बाहर आने लगीं। डयूटी पर तैनात सभी दारोगा और जवान पहली मंजिल पर आग बुझाने पहुंचे, लेकिन धुंआ भर चुका था और इस पर काबू पाना मुश्किल हो गया।

फायर ब्रिगेड को इस बात की खबर की गई। आग जिस कमरे में लगी थी उसके नीचे हाजत, मालखाना और थानेदार का चैंबर था। पुलिस ने आनन फानन में हाजत में बंद दो आरोपितों को बाहर निकाला और उन्हें दूसरी बिल्डिंग में रखा गया। थोड़ी देर में ही एक-एक कर चार दमकल की गाडिय़ां पहुंच गईं। फायरमैन आग बुझाने में जुट गए। तबतक तीन कमरे और आधा बरामदा आग की चपेट में आ चुका था।

शाम तक अंधेरे में काम करती रही कोतवाली पुलिस 

आग बुझने के बाद कोतवाली में तैनात दारोगा और जवान बचे दस्तावेज को सहेजने में जुट गए। आग से 20 से 22 साल पुरानी एफआइआर लॉग बुक, वर्ष 2016 की बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट की जब्त कॉपियां, नकली रैपर, महुआ की जब्त शराब, फर्नीचर, होमगार्ड और दो जवानों की वर्दी सहित अन्य सामान बर्बाद हो गया। जो आग से बचा वह पानी से बर्बाद हो गया।

आग लगने से कोतवाली में बिजली गुल हो गई। देर शाम तक कोतवाली में बिजली नहीं थी। इसकी वजह से थाने में तैनात पुलिस पदाधिकारी केस डायरी से लेकर अन्य जरूरी काम कम रोशनी में ही निपटाते रहे। कुछ दारोगा तो मोबाइल की रोशनी में काम कर रहे थे। 

कोर्ट में प्रस्तुत करने वाले कई दस्तावेज भी नष्ट 

थाने में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि कई ऐसे दस्तावेज भी जल गए जो 15 साल पुराने थे, जिन्हें जरूरत पडऩे पर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना था। इसकी वजह से उन्हें कमरे में रखा गया था। पुलिसकर्मी ने बताया कि वहां एक होमगार्ड खाना भी बनाता था। शार्ट-सर्किट से आग लगी या खाना बनाने के दौरान आग लगी यह तो जांच का विषय है, लेकिन जरूरी दस्तावेज जलने से परेशानी और बढ़ गई है। 


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