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बिहार विधानसभा भवन के सफर का राष्‍ट्रपति आज बनेंगे साक्षी, महावीर मंदिर और गुरुद्वारा भी जाएंगे

विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह को आज संबोधित करेंगे राष्‍ट्रपति। कुल 46 घंटे रहेंगे पटना में। हनुमान मंदिर और पटना सिटी गुरुद्वारा समेत चार जगह जाएंगे। महामहीम के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किए गए हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 07:20 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 07:20 AM (IST)
बिहार विधानसभा भवन के सफर का राष्‍ट्रपति आज बनेंगे साक्षी, महावीर मंदिर और गुरुद्वारा भी जाएंगे
हाई टी पार्टी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द,सविता कोविन्द, राज्‍यपाल फागू चौहान, सीएम नीतीश कुमार, सीजे संजय करोल व अन्‍य। जागरण

पटना, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द (President Ramnath Kovind) बिहार के तीन दिनों के दौरे पर पटना आ चुके हैं। वे करीब 46 घंटे पटना में रहेंगे। उन्हें मुख्य अतिथि के तौर पर विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह को गुरुवार को संबोधित करना है। कोविन्द का बिहार से गहरा रिश्ता है। राष्ट्रपति बनने के पहले वे करीब दो वर्षों तक बिहार के राज्यपाल रह चुके हैैं। इस यात्रा के दौरान उनकी पुरानी यादें ताजा होंगी। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के अनुसार विधानसभा परिसर में राष्ट्रपति का आगमन गुरुवार पूर्वाह्न 10:50 बजे हो जाएगा। वहां वे कुल एक घंटा 10 मिनट तक रहेंगे।

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शताब्‍दी स्‍मृति स्‍तंभ का शिलान्‍यास करेंगे राष्‍ट्रपति 

समारोह स्थल पर जाने से पहले विधानसभा परिसर में शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास करेंगे। 25 फीट ऊंचे इस स्तंभ की स्थापना मुख्य भवन के सौ वर्ष पूरे होने की याद में हो रही है। इसके बाद राष्ट्रपति बोधिवृक्ष का पौधा लगाएंगे। शाम में विधानसभा अध्यक्ष के सरकारी आवास में उनके सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया जाएगा। 22 अक्टूबर को राष्ट्रपति पटना हनुमान मंदिर, बुद्धा स्मृति पार्क, पटना साहिब गुरुद्वारा और खादी माल भी जाएंगे। उसके बाद पूर्वाह्न 11:15 बजे वे दिल्ली लौट जाएंगे। बता दें कि  राष्ट्रपति बुधवार को दोपहर एक बजे वायुसेना के विशेष विमान से पटना पहुंचे। 

डेढ़ हजार अतिथियों को आमंत्रण

कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए बिहार-झारखंड के करीब डेढ़ हजार अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। बिहार के सभी पूर्व एवं वर्तमान विधायकों-सांसदों के साथ अन्य प्रमुख लोगों को विधानसभा अध्यक्ष ने व्यक्तिगत तौर पर फोन करके आने का आग्रह किया है। इसमें झारखंड में रहने वाले कई ऐसे माननीय हैैं, जो संयुक्त बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैैं। झारखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी को भी आमंत्रित किया गया है। मंच पर राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह होंगे। 

बिहार के विधायी सफर का प्रतीक होगा स्तंभ

राष्ट्रपति जिस शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास करेंगे, उसे विधानसभा भवन के सौ वर्षों के सफर की याद में बनाया जा रहा है। 25 फीट ऊंचा यह स्तंभ बिहार के विधायी परंपरा का प्रतीक होगा। इसके ऊपर 15 फीट ऊंचा धातु का बना एक बोधिवृक्ष होगा। इस तरह स्तंभ की कुल ऊंचाई 40 फीट की होगी। इसमें बिहार की झलक होगी। नौ शाखाएं बिहार के नौ प्रमंडलों की पहचान होंगी। 38 उप-शाखाएं हैैं, जो प्रदेश के 38 जिलों का संकेतक होंगी। इसी तरह विधानसभा के सदस्यों के बराबर इसमें कुल 243 पत्तियां होंगी। 

शांति का प्रतीक बनेगा बोधिवृक्ष

राष्ट्रपति विधानसभा परिसर में पीपल के जिस पौधे (बोधिवृक्ष) को लगाएंगे, वह आम पौधा नहीं है। इसे दो बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष तौर पर बोधगया से लाया है। शंखनाद के साथ राष्ट्रपति इस पौधे को अपने हाथों से लगाएंगे। बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रपति के सुरक्षा अधिकारी एवं राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ पौधे लगाए जाने का रिहर्सल का अवलोकन किया। 

सांस्कृतिक संध्या एवं रात्रि भोज 

दो देशरत्न मार्ग स्थित स्पीकर के सरकारी आवास पर गुरुवार शाम सांस्कृतिक संध्या एवं राष्ट्रपति के सम्मान रात्रि भोज का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रपति का आगमन शाम 7.35 बजे होगा और नौ बजे तक रहेंगे। उनके आने पर शंखनाद और बिहार के गौरव गान से कार्यक्रम की शुरुआत होगी। रिदम आफ बिहार की प्रस्तुति अर्जुन चौधरी के नेतृत्व में होगी। इसमें वैसे वाद्य यंत्रों को प्रस्तुत किया जाएगा, जो धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैैं। जैसे मांदर और नगाड़ा आदि। स्वाति सिन्हा कत्थक नृत्य प्रस्तुत करेंगी। मलिक बंधुओं की ओर से ध्रुपद गायन होगा। कार्यक्रम जब आखिरी पड़ाव पर पहुंचेगा तो बिहार कोकिला शारदा सिन्हा लोकगीत प्रस्तुत करेंगी। गीतों का चयन कर लिया गया है। बुधवार शाम इसका रिहर्सल भी कर लिया गया है। 


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