नालंदा में एक साथ भागीं तीन नाबालिग लड़कियां, दो लौटीं-तीसरी ने संदेश भेजवा घर वालों को चौंकाया
छबिलापुर थाने के गोरौर गांव की एक किशोरी के घर से भागने की गजब कहानी सामने आई है। मां व पिता उसके घर से भागने के बाद के सारे ठिकाने खंगाल चुके हैं। तीन में से दो लड़कियां तो लौट आई हैं तीसरी का अभी तक पता नहीं है।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: छबिलापुर थाने के गोरौर गांव की एक किशोरी के घर से भागने की गजब कहानी सामने आई है। मां व पिता उसके घर से भागने के बाद के सारे ठिकाने खंगाल चुके हैं। पटना के एक ऑटो चालक से बेटी के कथित संपर्क का भी पता किया। उसके टेंपो का नंबर व मोबाइल नंबर का जुगाड़ किया। यह सारी जानकारी छबिलापुर थाने व एसपी को दी। परंतु, अब तक उसका पता नहीं चला है। थानाध्यक्ष विनोद कुमार एक लाइन में कहते हैं, पता लगा रहे हैं, जल्द ही किशोरी घर लौट आएगी। परंतु टेंपो नंबर व मोबाइल नंबर के आधार पर खोजबीन नहीं की गई।
बताया गया कि आज से दो माह पहले 21 अक्टूबर को किशोरी गांव की दो लड़कियों के साथ घर से भागकर पटना चली गई थी। इनमें से 15 वर्ष व 12 वर्ष की दो लड़कियां एक-एक करके 23 व 24 अक्टूबर को घर लौट आईं, परंतु किशोरी वहीं रह गई। उसने इन बच्चियों से कहलवा दिया कि अब वह घर नहीं लौटेगी और टेंपो ड्राइवर प्रिंस के साथ ही रहेगी। इधर मां-पिता का कहना है कि बेटी की उम्र महज 16 साल है। कुछ माह पहले ही उसका नामांकन इंटर में कराया था। वह पटना के टेंपो चालक युवक के बहकावे में आ गई है।
आशंका है कि कहीं बेटी गलत हाथों में न फंस जाए, जिससे उसका जीवन बर्बाद हो जाए। भागने के बाद तीनों बच्चियां पटना में पीएमसीएच के सामने निर्मल होटल में ठहरी थीं। बस स्टैंड से तीनों को टेंपो चालक युवक प्रिंस ही होटल ले गया था। घर लौटी बच्ची के साथ किशोरी के पिता पटना गए तो उसने होटल पहुंचाया। होटल मैनेजर ने ही टेंपो चालक प्रिंस के बारे में बताया। किशोरी के पिता ने कहा कि बेटी ने घर से भागने के पहले गोतिया में भाई बंटी कुमार को घर से सोने की चेन चुराकर दे दी थी। कहा था, उसे बेचकर आइटीआइ में अपना दाखिला करा ले। आशंका है कि बंटी को बेटी का पता-ठिकाना मालूम होगा, परंतु पुलिस उससे कड़ाई से पूछताछ नहीं कर रही।