पटना में बर्ड फ्लू का प्रकोप, तीन सौ मुर्गियों के साथ चार कौवों की मौत
पटना में लगातार पक्षियों की मौत हो रही है। शुक्रवार को एक साथ तीन सौ मुर्गियों की मौत से राजधानी में हड़कंप मच गया है।
पटना, जेएनएन। पटना में बर्ड फ्लू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। रोजाना शहर में पक्षियों की मौत हो रही है। शुक्रवार को प्रशासन तब सकते में आ गया जब पटना के विक्रम में एक साथ 300 मुर्गियों की मौत हो गई। ये घटना विक्रम प्रखंड के आंध्रा चौकी के पास की बताई जा रही है। मुर्गियों की मौत के बाद वेटनरी कॉलेज की टीम जांच के लिए पहुंच गई है। वहीं मिलर हाई स्कूल के पास स्थित जल पर्षद कार्यालय के पास चार कौवे मरे तो एक बेहोश मिला। घटना के बाद से राजधानी में हड़कंप मच गया है।
बताते चलें कि इसके पहले राजधानी में बर्ड फ्लू के कारण संजय गांधी जैविक उद्यान बंद कर दिया गया है। इस नए साल पर पहली बार एेसा हुआ जब राजधानीवासी नए साल पर पटना जू का दीदार नहीं कर पाए। पटना जू में को बंद करने का निर्णय सात मौरों की मौत के बाद लिया गया था। इसके पहले भी आर्ट्स कॉलेज में कौवों और चील की मौत हुई थी। जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को घटना की जानकारी दी
पटना जू से सैंपल ले भेजे गए भोपाल
इधर सोमवार को पटना जू से 26 प्रजातियों के पक्षियों के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं। राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान की रिपोर्ट पर सबकी नगाहें टिकी हैं। अगर रिपोर्ट में बर्ड-फ्लू की पुष्टि होती है तो लंबे समय तक पटना जू बंद किया जा सकता है। अभी एहतियातन जू बंद कर दिया गया है।
जिला प्रशासन ने की जांच, किया छिड़काव
आर्ट्स कॉलेज में कौवे की मौत के बाद जिला प्रशासन की टीम ने सोमवार को ही जांच की थी। जांच के बाद मौत क्यों हुई इसकी वजह बताने में टीम असमर्थ थी। वहीं गंदगी वाले स्थानों पर चूना तथा ब्लीचिंग पाउडर का प्रयोग हो रहा है।
एहतियात के लिए दिए ये निर्देश
पशुपालन विभाग जू (चिडिय़ाघर) के 10 किमी की परिधि में सैंपल ले रहा है। उद्यान निदेशक अमित कुमार ने बताया विशेषज्ञों के सुझाव के अनुसार उद्यान को संक्रमणमुक्त करने का कार्य चल रहा है। साथ ही जू के कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट इज्जतनगर के विशेषज्ञ डॉ. एस नंदी और डॉ. करिकालन ने जू कर्मियों को प्रशिक्षण दिया है। खुद को कैसे सुरक्षित रखें तथा वन्य प्राणियों पर प्रभाव न पडऩे दें, इस बात का प्रशिक्षण कर्मियों को दिया गया है।