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कांग्रेस में राहुल युग की शुरुअात, बिहार से भी रहे तीन अध्‍यक्ष

राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस अध्‍यक्ष का पदभार संभाल लिया। इस बड़े पद पर बिहार के भी तीन बड़े कांग्रेस नेता रह चुके हैं। आइए डालते हैं एक नजर।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 17 Dec 2017 09:38 AM (IST)Updated: Sun, 17 Dec 2017 10:55 PM (IST)
कांग्रेस में राहुल युग की शुरुअात, बिहार से भी रहे तीन अध्‍यक्ष
कांग्रेस में राहुल युग की शुरुअात, बिहार से भी रहे तीन अध्‍यक्ष

पटना [जेएनएन]। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शनिवार को राहुल युग की औपचारिक शुरुआत हो गई। सन् 1885 में स्‍थापित 132 साल की कांग्रेस की कमान संभालने वाले राहुल गांधी बीते 11 दिसंबर को अध्‍यक्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। जहां तक बिहार की बात है, इस महत्‍वपूर्ण पद पर राज्‍य के तीन बड़े नेता भी रह चुके हैं। इनमें देश के पहले राष्‍ट्रपति देशरत्‍न डॉ. राजेेंद्र प्रसाद भी शामिल हैं।

कांग्रेस की स्थापना 1885 में बम्बई (अब मुंबई) में हुई थी। इसके पहले अधिवेशन में देश भर से 72 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। अध्यक्ष थे उमेश चन्द्र बनर्जी। उसके बाद के 132 सालों में कांग्रेस ने कई पड़ाव तय किए हैं। इस बीच बिहार के तीन नेताओं ने भी इसकी कमान संभाली।

देशरत्‍न डॉ. राजेंद्र प्रसाद

कांग्रेस की कमान संभालने वाले पहले बिहारी थे देशरत्‍न डॉ. राजेंद्र प्रसाद। राजेंद्र प्रसाद 1934 में कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में अध्यक्ष चुने गये। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने पर उन्‍होंने कांग्रेस अध्यक्ष का पद 1939 में एक बार फिर संभाला। आगे, स्‍वतंत्रता मिलने के बाद वे देश के पहले राष्ट्रपति बने। वे देश की संविधान सभा के अध्‍यक्ष भी रहे।

उन्होंने 1962 में अपने अवकाश की घोषणा की। उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' भी दिया गया। बिहार के सीवान स्थित जीरादेई के निवासी डॉ. राजेंद्र प्रसाद का निधन 28 फरवरी 1963 को हुआ।

बाबू जगजीवन राम

बिहार के सासाराम निवासी जगजीवन राम ने कांग्रेस को अपनी मां के समान बताया था। वे 1937 से 1977 तक कांग्रेस के सदस्य रहे। वे 1969 में कांग्रेस के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए। आपात काल के विरोध में उन्‍होंने कांग्रेस से इस्‍तीफा देकर 'कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी' नामक पार्टी बनाई। आगे 'कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी' का जनता पार्टी में विलय कर दिया। जनवरी 1979 में उन्‍हें उपप्रधानमंत्री बनाया गया। अंतत: 1980 में जनता पार्टी से अलग होकर उन्‍होंने कांग्रेस (जे) बनाया। 6 जुलाई 1986 उनका निधन हो गया। बाबू जगजीवन राम 1936 से वर्ष 1986 तक आधी शताब्दी तक सक्रिय राजनीति में रहे।

सीताराम केसरी

कटिहार से सांसद रहे सीताराम केसरी 1996 से 1998 तक केन्द्रीय मंत्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। उन्होंने जुलाई 1971 से अप्रैल 2000 तक पांच बार राज्यसभा में बिहार का प्रतिनिधित्‍व किया। वे एक दशक से भी अधिक समय तक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे। केसरी 1997 में सर्वसमत्ति से कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये।

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