बिहार: तीन बड़े दलों को मिल सकते नए प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा में एक व्यक्ति एक पद का फॉर्मूला
बिहार में तीन बड़े राजनीतिक दलों भाजपा राजद व जदयू को इस साल नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। खासकर भाजपा में बदलना तय है। नित्यानंद राय अब गृह राज्यमंत्री बन गए हैं।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार में तीन बड़े राजनीतिक दलों भाजपा, राजद व जदयू को इस साल नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नए अध्यक्ष की तलाश हो रही है। जबकि जनता दल यू (जदयू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में सदस्यता अभियान के बाद सांगठनिक चुनाव होगा। इस क्रम में प्रखंड से लेकर देश तक के पार्टी पदाधिकारियों का नए सिरे से चयन होगा।
राजद-जदयू में बने रहेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष
जदयू में सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया अक्टूबर से शुरू होगी। राजद का सदस्यता अभियान अगले महीने की नौ तारीख से शुरू होगा। इन दोनों दलों के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष क्रमश: नीतीश कुमार और लालू प्रसाद अपने पदों पर बने रहेंगे, जबकि प्रदेश इकाई में नए चेहरे को जगह मिल सकती है।
नित्यानंद राय अब बन गए हैं गृह राज्यमंत्री
नित्यानंद राय के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनने के चलते भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष की जरूरत आ गई है। पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद का फार्मूला लागू है। इस लिहाज से राय को अध्यक्ष पद छोडऩा पड़ेगा। पार्टी इस पद को सामाजिक समीकरण के हिसाब से भरना चाह रही है। सवर्ण, अनुसूचित जाति, पिछड़ा और अति पिछड़ा में से किसे प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए, इसी पर मंथन चल रहा है। फिलहाल विधान मंडल के दोनों सदनों में विधायक दल का नेतृत्व अति पिछड़े और पिछड़े वर्ग के हाथ में है। इस हिसाब से किसी सवर्ण के प्रदेश अध्यक्ष बनने की संभावना जाहिर की जा रही है।
रामचंद्र पूर्वे का चल रहा है तीसरा टर्म
राजद के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. रामचंद्र पूर्वे का इस पद पर अभी तीसरा टर्म चल रहा है। वे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की पसंद रहे हैं, लेकिन पार्टी में उभर रहा नया नेतृत्व भी उन्हें अगले टर्म के लिए पसंद कर ले, ऐसा लगता नहीं है। संभावना यह है कि राजद अपेक्षाकृत किसी नौजवान को प्रदेश अध्यक्ष पद पर बिठाए। सामाजिक समीकरण का मामला राजद में भी है। डाॅ. पूर्वे जिस सामाजिक समूह से आते हैं, उसका राजद से कम ही लगाव है।
जदयू का सांगठनिक चुनाव अक्टूबर से शुरू
जदयू का सांगठनिक चुनाव अक्टूबर से शुरू होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर नीतीश कुमार बने रहेंगे, जबकि बिहार सहित दूसरे राज्यों में नए अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। प्रदेश जदयू के अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह का दूसरा टर्म चल रहा है। बताया जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेवारी देकर दिल्ली में बिठाया जा सकता है। वैसे, बिहार या केंद्र-यह बशिष्ठ नारायण सिंह की इच्छा पर भी निर्भर करता है, लेकिन बदलाव की संभावना इसलिए भी जाहिर की जा रही है, क्योंकि चुनावी साल में अगर संगठन को अधिक भाग दौड़ करने वाला अध्यक्ष मिल जाए तो अच्छा रहेगा।