गंगा में आई बाढ़ से बर्बाद हुए बक्सर के सैकड़ों किसान, बिहार के 20 से अधिक जिलों में ऐसे हालात
Bihar Flood News बक्सर के अलावा भोजपुर सारण और पटना जिले के सैकड़ों एकड़ खेत में लगी फसल अब तक पानी में डूबी हुई है। खेत मालिकों को बीज से लेकर खाद तक पर किया गया खर्च बर्बाद हो गया है! किसानों के सामने अन्न का संकट आने वाला है।
पटना/बक्सर, जागरण टीम। Bihar Flood: बिहार में आई बाढ़ ने सबसे अधिक नुकसान किसानों को पहुंचाया है। बिहार में गंगा बक्सर के रास्ते प्रवेश करती है। इस बार गंगा का जलस्तर रिकार्ड स्तर पर पहुंचने से इस जिले के ब्रह्मपुर, चौसा, चक्की और सिमरी प्रखंड के दियारा क्षेत्रों में बाढ़ ने फसलों की भारी क्षति हुई है। बक्सर के अलावा भोजपुर, सारण और पटना जिले के सैकड़ों एकड़ खेत में लगी फसल अब तक पानी में डूबी हुई है। खेत मालिकों को बीज से लेकर खाद तक पर किया गया खर्च बर्बाद हो गया है तो पट्टे पर खेत लेकर फसल लगाने वाले किसानों के सामने तो अब अन्न का भी संकट आने वाला है। फसल लगाने में लगी लागत तो चली ही गई अब खेत मालिक को पट्टे की रकम चुकाने की चिंता अलग सता रही है।
कृषि विभाग फसल क्षति के आकलन में जुटा
किसानों को बाढ़ से हुई व्यापक क्षति को देखते हुए कृषि विभाग ने फसल क्षति मुआवजा के लिए आवेदन देने की तिथि बढ़ा दी है। विभाग की ओर से नुकसान का आकलन किया जा रहा है। राज्य के कई हिस्सों में खेत अब तक पानी में डूबे हैं, ऐसे में नुकसान के अंदाजा लगाने में अभी वक्त लगेगा। बक्सर जिले के ब्रह्मपुर में आकलन के अनुसार 9 पंचायतों के 2084 हेक्टेयर में लगी फसलें बाढ़ के पानी से बर्बाद हो गईं। इस तबाही से किसानों की परेशानी बढ़ गई और उनके समक्ष परिवार की जीविका की समस्या भी गंभीर हो गई।
मानसून ने दिया साथ तो बाढ़ ने खींच ली पैरों तले की जमीन
इस बार मानसून ने किसानों का साथ दिया था और उत्साह के साथ किसानों ने प्रखंड के दियारा क्षेत्रों में इस बार धान बोवाई अधिक की थी। इसके अलावा भदई और सब्जी की फसलें भी लगाई गई थी, लेकिन इस बार गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ के कारण हजारों हेक्टेयर में फसलें डूब गई और किसानों के अरमान पर भी पानी फिर गया। सरकार के निर्देशानुसार कृषि विभाग द्वारा बाढ़ से हुई फसलों की क्षति का आकलन किया जा रहा है। अभी भी खेतों में पानी भरे होने के कारण नुकसान का सही आकलन नहीं हो पा रहा है।
ब्रह्मपुर प्रखंड के दियारा क्षेत्रों में इस बार कुल 2140 हेक्टेयर में फसलों की बोवाई हुई थी। धान 635, मक्का 915, बाजरा 143, दलहन 173 सब्जी 218 हेक्टेयर में लगी फसलें बाढ़ के पानी से डूब कर बर्बाद हो गईं। जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। विशेषकर मालगुजारी और बटाई पर खेती करने वाले किसानों की कमर ही टूट गई।
बाढ़ से 9 पंचायत हुईं प्रभावित
इस बार बाढ़ के प्रकोप से उत्तरी और दक्षिणी नैनीजोर, गायघाट,गहोना, हरनाथपुर,महुआर, निमेज, योगियां और बैरिया पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण फसलें बर्बाद हुई है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि अभी भी इन पंचायतों के खेतों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इस कारण फसल की क्षति का अभी प्रारंभिक आकलन किया गया है। पानी समाप्त हो जाने के बाद फसल की बर्बादी के सही आंकड़े मिल पाएंगे। यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। रिपोर्ट वरीय अधिकारी को भेजी जा रही है।