अब सरकारी वकीलों को भी करनी होगी बेहतर प्रदर्शन की चिंता
अपराध और अपराधियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल करते हुए डीआइजी राजेश कुमार ने गंभीर अपराध के मामले में भी अदालत से अपराधी को वेल मिल जाने पर चिंता जाहिर की है।
By Edited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 01:47 AM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 12:30 PM (IST)
पटना, जेएनएन। अब सरकारी वकीलों को भी अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना होगा। अपराधियों को जमानत मिलने से वकीलों पर गाज गिरनी शुरू होगी। वैसे सरकारी वकीलों (एपीपी) को पैनल से हटाया जा सकता है जिनकी परफॉर्मेस ठीक नहीं है। अपराध और अपराधियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल करते हुए डीआइजी राजेश कुमार ने गंभीर अपराध के मामले में भी अदालत से अपराधी को वेल मिल जाने पर चिंता जाहिर की है।
आपराधिक घटनाओं रोकने में आ रही समस्या
इस मुद्दे को लेकर वे सरकारी वकीलों (एपीपी) के साथ अगले सप्ताह बैठक करेंगे। इस संबंध में उन्होंने निर्देश जारी किया है। हाल के दिनों में कई ऐसे संगीन आपराधिक मामले रहे जिनमें अपराधियों को आसानी से कोर्ट से जमानत मिल गई। इसके बाद वे फिर अपराध की दुनिया में सक्रिय हो रहे हैं। ऐसे में पुलिस के सामने आपराधिक घटनाओं को रोकने में समस्याएं आ रही हैं। डीआइजी का मानना है कि एपीपी अदालत में जमानत पर सुनवाई के दौरान जज के सामने अपराधियों की बेल का खुलकर विरोध नहीं करते, या फिर करने से बचते हैं। इससे बदमाशों को आसानी से बेल मिल जाती है।
पैरवी की होगी जांच
अगले सप्ताह एपीपी के साथ होने वाली बैठक में डीआइजी पिछले तीन महीनों के दौरान एपीपी द्वारा कितने कांडों में सरकार की तरफ से पैरवी की और उनका क्या नतीजा निकला, इसकी समीक्षा करेंगे। इसके लिए इन्होंने सभी एपीपी को तीन महीने की केस रिपोर्ट के साथ बैठक में आने को कहा है। इसी आधार पर वे कार्यो की समीक्षा कर रिपोर्ट डीएम को भेजेंगे। वैसे एपीपी को पद से हटाने की अनुशंसा करेंगे जिनकी उपस्थिति में संगीन मामलों में भी कोर्ट से अपराधियों को जमानत मिल गई है।
आपराधिक घटनाओं रोकने में आ रही समस्या
इस मुद्दे को लेकर वे सरकारी वकीलों (एपीपी) के साथ अगले सप्ताह बैठक करेंगे। इस संबंध में उन्होंने निर्देश जारी किया है। हाल के दिनों में कई ऐसे संगीन आपराधिक मामले रहे जिनमें अपराधियों को आसानी से कोर्ट से जमानत मिल गई। इसके बाद वे फिर अपराध की दुनिया में सक्रिय हो रहे हैं। ऐसे में पुलिस के सामने आपराधिक घटनाओं को रोकने में समस्याएं आ रही हैं। डीआइजी का मानना है कि एपीपी अदालत में जमानत पर सुनवाई के दौरान जज के सामने अपराधियों की बेल का खुलकर विरोध नहीं करते, या फिर करने से बचते हैं। इससे बदमाशों को आसानी से बेल मिल जाती है।
पैरवी की होगी जांच
अगले सप्ताह एपीपी के साथ होने वाली बैठक में डीआइजी पिछले तीन महीनों के दौरान एपीपी द्वारा कितने कांडों में सरकार की तरफ से पैरवी की और उनका क्या नतीजा निकला, इसकी समीक्षा करेंगे। इसके लिए इन्होंने सभी एपीपी को तीन महीने की केस रिपोर्ट के साथ बैठक में आने को कहा है। इसी आधार पर वे कार्यो की समीक्षा कर रिपोर्ट डीएम को भेजेंगे। वैसे एपीपी को पद से हटाने की अनुशंसा करेंगे जिनकी उपस्थिति में संगीन मामलों में भी कोर्ट से अपराधियों को जमानत मिल गई है।
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