Result Scam : बिहार बोर्ड में ऐसे भी चलता था टॉपर बनाने का गोरखधंधा ...जानिए
बिहार बोर्ड में फर्जी टॉपर बनाने के गोरखधंधे में अब सारी परतें खुलती जा रही हैं। जांच के खुलासे से पता चला है कि इस मामले में डबल रजिस्ट्रेशन होता था ।
पटना [अमित आलोक]। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) की परीक्षा में टॉपर बनाने के गोरखधंधे की परतें एक के बाद एक खुलती जा रही हैं। ताजा मामला डबल रजिस्ट्रेशन करा परीक्षा में मदद पहुंचाने का है।
फर्जी टॉपर बनाने के लिए सेंटर मैनेज करने व कॉपियां बदलने से लेकर बोर्ड अध्यक्ष की मदद से मूल्यांकन केंद्र तक को मैनेज किए जाने के खेल का खुलासा हो चुका है। एक तरीका और भी था, जिसका अब जाकर खुलासा हुआ है। यह है परीक्षा में स्कॉलर बैठाकर टॉप कराने का।
सूत्र बताते हैं कि जिन छात्रों से टॉप कराने का टेंडर लिया जाता था, उनके कालेज वैसे छात्रों का एक ही विषय के लिए दो अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करा देते थे। बोर्ड की मिलीभगत से दोनों रजिस्ट्रेशन पर लगातार रोल नंबर लिए जाते थे। लगातार रोल नंबर रहने के कारण परीक्षा हाल में दोनों के बैठने की व्यवस्था अगल-बगल की जाती थी।
परीक्षा केंद्र पर एक ही नाम के ओरिजिनल और डुप्लीकेट छात्र अगल-बगल बैठते थे। डुप्लीकेट छात्र स्कॉलर होता था। उसके द्वारा आसानी से बगल में बैठे छात्र की कॉपी बदल दी जाती थी।
दरअसल, डबल रजिस्ट्रेशन व फर्जी स्कॉलर वाले दर्जनों मामले किसी एक कालेज से नहीं, बल्कि बिहार के कई जिलों से मिले हैं। फार्जी रजिस्ट्रेशन के इस खेल में बिहार बोर्ड के नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। इस गोरखधंधे में बोर्ड के वरीय अधिकारियों की संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
नियमानुसार, बिहार में इंटर की परीक्षा के लिए किसी कालेज से रजिस्ट्रेशन लेने के बाद किसी भी अन्य कालेज से दूसरा रजिस्ट्रेशन नहीं लिया जा सकता है। ऐसे में एक ही कालेज से छात्रों का दो-दो रजिस्ट्रेशन कैसे हो गया, यह बड़ा सवाल है। बोर्ड द्वारा नियमों को नजरअंदाज कर लगातार रोल नंबर अलॉट कर देना साफ बताता है कि इस खेल में कालेज के साथ-साथ बोर्ड की भी संलिप्ता थी।