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पटना एम्स ने लगाई मुहर, रसोई में धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रही यह तीन चीज कोरोना को दे रही मात

कोरोना के हल्के लक्षण व होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए एक और दवा ट्रायल में सफल हुई है। हल्दी अदरक और अनारदाना के अर्क से बनी फाइटोरिलीफ-सीसी नामक दवा का परीक्षण करने के बाद एम्स पटना के डाक्टरों ने इसके उपयोग पर मुहर लगा दी है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 07:50 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 07:50 AM (IST)
पटना एम्स ने लगाई मुहर, रसोई में धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रही यह तीन चीज कोरोना को दे रही मात
कोरोना का इलाज आपकी रसोई में ही है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : कोरोना के हल्के लक्षण व होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए एक और दवा ट्रायल में सफल हुई है। हल्दी, अदरक और अनारदाना के अर्क से बनी फाइटोरिलीफ-सीसी नामक दवा का परीक्षण करने के बाद एम्स, पटना के डाक्टरों ने इसके उपयोग पर मुहर लगा दी है। हालांकि एम्स का कहना है कि अभी आइसीएमआर की अनुमति का इंतजार है। 

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एम्स पटना के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट सह एडिशनल प्रोफेसर डॉ. योगेश कुमार ने बताया कि सौ रोगियों पर किए गए अध्ययन में यह साबित हुआ है कि फाइटोरिलीफ-सीसी नामक दवा न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, बल्कि कोरोना संक्रमितों को जल्द स्वस्थ करने में भी मददगार है।

डॉ. योगेश कुमार ने बताया कि हल्दी, अदरक और अनारदाना को सदियों से उनके एंटी वायरल गुणों के लिए जाना जाता है। सर्दी, खांसी, खरास व बुखार के लिए एक कंपनी ने सात वर्ष पूर्व यह दवा बनाई थी और अमेरिका व ब्रिटेन में इसका पेटेंट ले रखा है। कोरोना के हल्के व मध्यम लक्षणों में इस फाइटोरिलीफ-सीसी दवा को उपयोगी बताते हुए कंपनी ने मुफ्त वितरण की बात कही थी। परीक्षण में पाया गया कि जिन संक्रमितों को मानक के अनुरूप दवा के साथ इसे दिया गया, उनमें संक्रमण तेजी से घटा। इस दवा को लेने वालों  में एक्यूट इन्फ्लेमेशन, फेफड़ों को नुकसान आदि की जानकारी देने वाले सीआरपी जैसी जांच की रिपोर्ट भी बेहतर रही। इस दवा की एक-एक टैबलेट सुबह, दोपहर व शाम को चूसकर लेना रोगियों के लिए काफी फायदेमंद रहा। 

टैबलेट का कंपोजिशन  

-दंतबीजा : 20 मिलीग्राम 

-हरिद्रा : 50 मिलिग्राम 

-जिंजीबेर आफिसिनेल : 5 मिलीग्राम 

ऐसे हुआ क्लीनिकल ट्रायल 

1. होम आइसोलेशन में रह रहे 50 मरीजों के दो ग्रुप बनाए गए। एक ग्रुप का स्टैंडर्ड प्रोटोकाल के अनुसार इलाज किया गया तो दूसरे को उन दवाओं के साथ फाइटोरिलीफ-सीसी भी दी गई। इस बीच सात मरीजों ने दवा खानी बंद कर दी। 18-18 लोगों ने परीक्षण पूरा किया। दस दिन बाद जांच कराने पर पाया गया कि जो 18 लोग फाइटोरिलीफ-सीसी ले रहे थे, उनमें से 15 की रिपोर्ट निगेटिव आ गई। वहीं जो सिर्फ मानक दवा ले रहे थे, उनमें से सिर्फ सात निगेटिव हुए। डॉक्टर हल्के व माडरेट कोरोना रोगियों में इस दवा को प्रभावी मान रहे हैं। 

2. अस्पताल में भर्ती 25-25 रोगियों में से अन्य उपचार के साथ फाइटोरिलीफ -सीसी लेने वाले दस और दूसरे ग्रुप के 25 में से आठ की रिपोर्ट दस दिन में निगेटिव आई। अस्पताल में भर्ती रोगियों में यह दवा बहुत प्रभावी नहीं मानी गई। 

तीनों अवयव का ये है काम  

हल्दी : इसमें पाए जाने वाले करक्यूमिनोइड्स तत्व एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी कैंसर, एंटी बैक्टीरियल, एंटी डायबिटिक, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी वायरल गुणों के लिए जाने जाते हैं। ये शरीर की कोशिकाओं में वायरस को टिकने नहीं देते हैं। 

-अदरक : इसमें पाए जाने वाले जिंजरोल और शोगोल फाइटोएक्टिव तत्व एंटी इंफ्लेमेटरी, ब्रोंकोडायलेटर और एंटी वायरल गुणों के लिए जाने जाते हैं। इससे सर्दी व खांसी में आराम होता है।

-अनारदाना : इसमें पाए जाने वाले एलार्जिक एसिड नामक फाइटोएक्टिव में एंटी वायरल और वायरुसाइडल के गुण होते हैं। एनफ्लूएंजा -ए समेत कई वायरस को नष्ट करने में इसकी अहम भूमिका है। 


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