लॉकडाउन में भी कानून तोड़ने वालों की नहीं रही कमी, 863 पर FIR, 189 गिरफ्तार
लॉकडाउन के दौरान भी राजधानी पटना में कानून तोडऩे वालों की कमी नहीं रही। पुलिस के मुताबिक 924 लोगों ने लॉकडाउन के दौरान कानून का उल्लंघन किया।
पटना, जेएनएन। 68 दिन के लॉकडाउन की अवधि में राजधानी पटना में कानून तोडऩे वालों की कमी नहीं रही। कठोर कार्रवाई के बाद भी लोग बेवजह घरों से निकलना नहीं छोड़े। सामान्य परिस्थितियों में होने वाली हिंसक वारदात भी होती रही। जिला पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, 924 लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया। इसमें 863 प्राथमिकी दर्ज की गई। औसतन प्रतिदिन 12 मामले सामने आए हैं। सबसे अधिक शिकायतें मोकामा, कोतवाली और गांधी मैदान थानों में दर्ज की गई।
इन आंकड़ों पर डालें नजर
- 863 एफआइआर दर्ज हुए लॉकडाउन की अवधि में
- 189 लोगों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल
- 3267 वाहन किए गए जब्त राजधानी से
- 38 हजार 776 वाहनों का कटा चालान
- 1.13 करोड़ रुपये वसूला गया जुर्माना
188 के तहत दर्ज हुए मुकदमे
कार्रवाई के दायरे में कुछ राजनीतिक संगठन और स्वयंसेवी समूह भी आए थे, जो मजमा लगाकर प्रशासन की अनुमति के बिना खाना बांटने के नाम पर प्रचार-प्रसार करते पाए गए। इन पर धारा 188 के तहत मुकदमे दर्ज हुए। मारपीट और सड़क पर पुलिस से बहस करने के 177 मामलों में भी कार्रवाई की गई। हालांकि इन मामलों के अभियुक्तों को पुलिस ने थाने से ही जमानत दे दी थी।
बेवजह घूमने वालों की आई शामत
इधर, चेकिंग लगाकर 68 दिन में बेवजह घूमने वाले 38 हजार 776 वाहन चालकों से 1.13 करोड़ रुपये जुर्माना वसूले गए। कागजात में त्रुटि पाए जाने पर 3267 वाहनों को जब्त किया गया। कोर्ट से वाहनों को मुक्त कराने के लिए कहा गया है। देखा गया कि पटना में लॉकडाउन में छूट मिलने के साथ ही वारदातें भी बढ़ीं। हत्या के साथ छिनैती और छेड़छाड़ के मामले बढ़े।
नियमानुसार वसूला गया जुर्माना
पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई होती रही है। वाहन चालकों से भी नियमानुसार जुर्माना वसूला जा रहा था।