पटना जंक्शन पर शापिंग माल बनने का रास्ता साफ, पहले ही तोड़े जा चुके हैं रेलकर्मियों के आवास
निर्माण को रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को 7361 वर्गमीटर खाली जमीन सौंप दी गई है। इस जमीन पर बने रेलकर्मियों के आवासों को पहले ही तोड़ दिया गया है। आरएलडीए की ओर से इस जमीन को 99 साल की लीज पर देने के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया है।
जागरण संवाददाता, पटना: पटना जंक्शन के पास रेलवे कालोनी की जमीन पर शापिंग माल एवं आवासीय कांप्लेक्स बनने का रास्ता साफ हो गया है। निर्माण के लिए रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को 7,361 वर्गमीटर खाली जमीन सौंप दी गई है। इस जमीन पर बने रेलकर्मियों के आवासों को पहले ही तोड़ दिया गया है। आरएलडीए की ओर से इस जमीन को 99 साल की लीज पर देने के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया है।
टेंडर के पहले इच्छुक बिल्डरों के साथ 25 जनवरी को प्री टेंडर बैठक बुलाई गई है। टेंडर में भाग लेने वालों को आरएलडीए के अधिकारी इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। जमीन का आरक्षित मूल्य 47 करोड़ रुपये रखा गया है। बोली जमा करने की समय सीमा सात मार्च तय की गई है।
- - 7,361 वर्गमीटर भूमि के विकास के लिए आरएलडीए ने निकाला टेंडर
- - 25 जनवरी को सभी इ'छुक पार्टियों की बुलाई गई बैठक
रेलवे क्वार्टरों की 59 इकाइयों का पुनर्विकास करना अनिवार्य
आरएलडीए के वाइस-चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा कि 5,514.23 वर्गमीटर के एक हिस्से को 99 साल की अवधि के लिए डेवलपर को पट्टे पर दिया जाएगा, जबकि 1,846.77 वर्गमीटर का एक अतिरिक्त क्षेत्र रेलकर्मियों के लिए आवास बनाने के लिए दिया जाएगा। यह स्थल पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 10 से उत्तर की ओर, पश्चिम में मीठापुर फ्लाईओवर, दक्षिण में एक आटो स्टैंड और पूर्व में मौजूदा रेलवे प्रतिष्ठानों से घिरा हुआ है। यह साइट पटना नगर निगम (पीएमसी) के स्थानीय अधिकार क्षेत्र में है। डेवलपर को रेलवे कालोनी टाइप -2 रेलवे क्वार्टरों की 59 इकाइयों का पुनर्विकास करना अनिवार्य है। इसमें आंतरिक संचलन सड़कों, भूमि निर्माण, नागरिक सुविधाओं के साथ तीन साल की अवधि के लिए उनके रखरखाव का प्रविधान है। रेलवे पुनर्विकास भाग को दो वर्ष की अवधि में पूरा किया जा सकता है।