टूट गई मजहब की दीवार, चंदा बीबी को मिल गया अपना प्यार, बेगूसराय में राजीव संग लिए सात फेरे
प्यार के आगे सबको झुकना पड़ता है। बेगूसराय में चंदा बीबी और राजीव के मामले में ऐसा ही हुआ। हिंदू लड़के से चंदा की शादी परिवार वालों को कतई मंजूर नहीं था। आखिरकार दोनेां की शादी हुई। पहले कोर्ट और फिर मंदिर में।
बेगूसराय, जागरण संवाददाता। प्रेम की कोई सरहद नहीं होती। कोई जाति और धर्म नहीं होता। इसे साकार कर दिखाया है बेगूसराय की चंदा बीबी और राजीव कुमार ने। अलग-अलग धर्म से होने के बावजूद विवाह कर मिसाल पेश की है। हालांकि प्यार को पाने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। लेकिन आखिरकार चंदा बीबी ने अपने प्यार को हासिल कर ही लिया। दोनों ने मंदिर में एक-दूसरे के साथ सात फेरे लिए। चार दिन पहले राजीव कुमार को चंदा के परिवार के लोगों ने पीटा था। इस सदमे में चंदा ने जहर खा लिया था। वह हर हाल में राजीव से शादी करने पर अड़ी थी।
पांच साल पहले राजीव से चंदा की लड़ी थी आंखें
चंदा ने बताया कि वर्ष 2016 में बलिया में डिजनीलैंड मेला लगा था। उसमें वह सहेलियों के साथ गई थी। राजीव भी वहां आया था। पहली ही नजर में चंदा बीबी उसे अपना दिल दे बैठी। लेकिन दोनों के बीच मजहब की दीवार थी। बावजूद दोनेां मिलते रहे। उनका प्यार परवान चढ़ता गया। इस बीच 24 अगस्त की रात चंदा ने राजीव से कुछ किताबें मंगवाई थी। प्रतियोगिता परीक्षा लेकर पहुंचे राजीव को चंदा के घर वलों ने देख लिया। उसकी जमकर पिटाई शुरू कर दी। चंदा ने बचाने का प्रयास किया लेकिन जब परिवार के लोग नहीं माने तब उसने जहर खा लिया। तब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
(एक-दूसरे को वरमाला पहनाते चंदा और राजीव। )
हिंदू धर्म अपनाकर चंदा बीबी से बनी चंदा
चंदा ने अस्पताल में भी कहा कि यदि राजीव से उसकी शादी नहीं हुई तो वह जान दे देगी। इधर पुलिस ने राजीव को हिरासत में ले लिया। इधर चंदा स्वस्थ हुई उधर राजीव भी थाने से छूटा। फिर कुछ लोगों ने सहयोग किया। इसके बाद चंदा ने राजीव के साथ कोर्ट मैरेज की। फिर गढ़हरा के आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी हुई। कोर्ट में दिए शपथ पत्र में चंदा ने कहा है कि वह स्वेच्छा से धर्म बदलकर हिंदू धर्म अपना रही है। राजीव कुमार बलिया के सतीचाैड़ा निवासी कैलाश पासवान का पुत्र है। वह पेशे से आटो ड्राइवर है।