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फिर दिखा साइंस का कमाल, नालंदा में नाबालिग से दुष्‍कर्म मामले ऐसे खुली पोल, युवक दोषी करार

नालंदा जिले में 2019 में हुई एक दुष्‍कर्म की घटना एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर सही साबित हुई। इसके बाद कोर्ट ने आरोपित को दोषी करार दिया। मामले में एफएसएल की रिपोर्ट पर हुआ आरोप साबित। 25 को होगी सजा।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 18 Aug 2021 04:55 PM (IST)Updated: Wed, 18 Aug 2021 04:55 PM (IST)
फिर दिखा साइंस का कमाल, नालंदा में नाबालिग से दुष्‍कर्म मामले ऐसे खुली पोल, युवक दोषी करार
दुष्‍कर्म मामले में आरोपित को कोर्ट ने ठहराया दोषी। प्रतीकात्‍मक फोटो

बिहारशरीफ,  जागरण संवाददाता। जिला न्यायालय के एडीजे षष्टम सह पाक्सो स्पेशल न्यायाधीश (POCSO Special Judge)  आशुतोष कुमार ने 11 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म (Misdeed With Minor) के आरोपित कृष्ण मोहन रविदास को एफएसएल रिपोर्ट (FSL Report) के आधार पर दोषी करार दिया है। रिपोर्ट में पीड़िता व आरोपी का डीएनए मैच हो रहा था। सजा के बिंदुओं पर 25 अगस्‍त को सुनवाई होगी। बता दें कि पीड़‍िता के मुकर जाने के बाद भी एफएसएल की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने आरोपित को दोषी करार दिया है। 

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खेत में ले जाकर किया था दुष्‍कर्म 

महिला थाना में पीड़ित बच्‍ची की मां के फर्द बयान पर 6 नवंबर 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोप था कि एकंगरसराय थाना क्षेत्र के 26 वर्षीय कृष्‍ण मोहन रविदास ने पांच नवंबर की शाम बच्‍ची के साथ दुष्‍कर्म किया था। उसे जबरन खेत में ले जाकर उसने घटना को अंजाम दिया था। बच्‍ची जब घर आई तो उसकी स्थिति देखकर परिवार के लोग सन्‍न रह गए। सारी बातें जानने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। आरोपित को गिरफ्तार कर एफएसएल से जांच कराई गई तो दुष्‍कर्म और दुष्‍कर्मी की पुष्टि हो गई। 

पीड़‍िता ने भी दुष्‍कर्म से कर दिया था इंकार 

पीड़िता का जेएम अविनाश कुमार ने 163 सीआरपीसी के तहत बयान में कलमबद्ध् किया था। इस दौरान पीड़िता ने घटना का समर्थन किया था। लेकिन साक्ष्य परीक्षण के दौरान पीड़िता समेत सभी साक्षियों ने घटना से इंकार कर दिया। उनलोगों ने आरोपित पक्ष से मिलीभगत कर उसके पक्ष में बयान दिया। परन्तु कोर्ट ने एफएसएल रिपोर्ट का परीक्षण करते हुए डीएनए को पाजिटिव पाकर आरोप को सत्य पाया। इसी आधार पर दोषी करार करते हुए 25 अगस्त को सजा निर्धारण करने की तिथि निर्धारण की है।अभियोजन पक्ष से पाक्सो स्पेशल पीपी जगत नारायण सिन्हा ने विचारण के दौरान सात साक्षियों के परीक्षण सहित बहस किया था। 


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