बीजेपी और जदयू में फिर शुरू हुआ वाकयुद्ध, बीजेपी ने योगी मॉडल जरूरी बताया, जदयू ने कहा- नीतीश मॉडल ही चलेगा
पटना के अति सुरक्षित इलाके में इंडिगो मैनेजर की हत्या के बाद बिहार की सियासत में उफान है। विपक्षी के साथ सहयोगी दल बीजेपी भी सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। इसपर जदयू ने कहा है कि विधि-व्यवस्था पर किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं नीतीश मॉडल ही चलेगा
पटना, राज्य ब्यूरो । पटना में कल (12 जनवरी ) को इंडिगो स्टेशन हेड की सरे-शाम हत्या के बाद बिहार की सियासत में उफान है। विपक्षी दलों के साथ ही एनडीए सरकार में शामिल बीजेपी नेता भी सरकार पर हमलावर हैं। भाजपा नेता और बांकीपुर, पटना के विधायक नितिन नवीन ने बिहार में विधि व्यवस्था पर सवाल उठाया, कहा अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ का माॅडल बिहार में भी जरूरी है। इस पर जदयू ने कड़ी आपत्ति जताई है। जदयू नेता ने जोर देकर कहा है कि बिहार में नीतीश मॉडल ही चलेगा।
नीतीश मॉडल से ही बिहार का विकास और कानून राज
भाजपा विधायक नितिन नवीन के बयान पर बयान पर जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय कुमार ने पलटवार किया है । उन्होंने कहा है कि बिहार में नीतीश माॅडल से ही अपराध पर नियंत्रण हो पाएगा। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है और कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है। नीतीश माॅडल से बिहार का विकास हुआ है और कानून का राज भी। बिहार में नीतीश माॅडल ही काफी है। नीतीश सरकार को विधि-व्यवस्था पर किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नही है।
तेजस्वी ने कहा, जबरन सीएम क्यों बने हुए हैं
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार से बिहार संभलने वाला नहीं है। विभाग नहीं संभल रहा है तो किसी और को दे दें। वैसे भी उनका मन सीएम बनने का नहीं है तो जबरन क्यों बने हैं।
पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि आमतौर पर विपक्ष सवाल उठाता है, लेकिन हास्यास्पद है कि भाजपा भी सवाल उठा रही है। जो खुद सरकार में है। सरकार में भाजपा के दो-दो उपमुख्यमंत्री हैं। फिर भी सवाल। चुनाव में पीएम ने कहा था कि निश्चिंत रहिए आपका बेटा दिल्ली में बैठा है तो अब आकर देखना चाहिए था।
बता दें कि 42 वर्षीय इंडिगो मैनेजर पटना एयरपोर्ट पर कार्यरत थे। उनके घर के सामने ही दो बाइक सवार अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी। पटना के अति सुरक्षित एरिया में हत्या की वारदात से लोगों में दहशत और आक्रोश है। वहीं इस आक्रोश को भुनाने में राजनीतिक दल भी पीछे नहीं हैं।