दस लाख चुराए शातिर का कुबूल नामा, इतने पैसे कभी नहीं देखे, आखिर खर्च कहां करता
पटना में छह हजार रुपये महीने पाने वाले गार्ड ने दस लाख रुपये चोरी तो कर लिए मगर पैसे नहीं खर्च सका। दबोचे जाने पर पुलिस से क्या कहा चोर ने जानें।
पटना, जेएनएन। छह हजार रुपये महीने में अपना खर्च चलाने वाले को अगर एक बार में दस लाख रुपये मिल जाएं तो क्या होगा? लाजमी है कि खर्च कहां करें, यहीं सबसे बड़ा सवाल होगा। एेसा ही हुआ है एक चोर के साथ। जक्कनपुर थानांतर्गत न्यू बाईपास रोड स्थित रामकृष्ण नगर चैरिटेबल हॉस्पिटल की दवा दुकान से 17 फरवरी को 10 लाख 28 हजार रुपये नकदी चोरी करने के मामले में पुलिस ने नाइट गार्ड को गिरफ्तार किया तो उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। चोर की पहचान बक्सर जिले के सिमरी थानांतर्गत डुभा गांव निवासी सत्येंद्र ठाकुर के रूप में हुई है। सत्येंद्र के पास से सात लाख 86 हजार 350 रुपये नकद और चोरी के रुपयों से खरीदी गए सामान बरामद हुए हैं।
छह हजार में पूरी हो जाती थी जरूरत
पूछताछ में सत्येंद्र ने कहा कि उसने कभी इतने रुपये नहीं देखे थे, इसलिए उसे खर्च कहां किया जाए, यह पता नहीं चल रहा था। उसके हर महीने की जरूरत छह हजार तनख्वाह में पूरी हो जाती थी। 17 फरवरी को रामकृष्ण नगर चैरिटेबल की दवा दुकान से 10 लाख 28 हजार रुपये नकद चोरी का मामला प्रकाश में आया था।
चोरी के बाद ले ली थी छुट्टी
पुलिस ने छानबीन शुरू की तो मालूम हुआ कि नाइट गार्ड सत्येंद्र ठाकुर घटना के बाद छुट्टी लेकर फरार हो गया है। पुलिस मोबाइल के टावर लोकेशन से उसके ठिकाने का पता लगा रही थी। इस बीच मंगलवार को मुखबिर से जानकारी मिली कि वह पटना जंक्शन के पास किसी होटल में छिप कर रह रहा है। सत्येंद्र जंक्शन से बक्सर जाने के लिए ट्रेन पकड़ने वाला ही था कि पुलिस ने उसे दबोच लिया।