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पटनाः एनएमसीएच में कोरोना के 100 मरीज होते ही बदल जाएगी व्यवस्था, लगातार रखी जा रही नजर

कोविड अस्पताल एनएमसीएच में अभी 125 मरीज भर्ती हैं। कोरोना मरीजों की लगातार घट रही संख्या पर नजर रख रहे अस्पताल प्रशासन का कहना है कि एक सप्ताह तक यदि एक सौ या उससे कम मरीज की संख्या बनी रही तो चिकित्सा व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 05:00 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 05:00 PM (IST)
पटनाः एनएमसीएच में कोरोना के 100 मरीज होते ही बदल जाएगी व्यवस्था, लगातार रखी जा रही नजर
नालंदा मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीज पर नजर रखी जा रही है। जागरण आर्काइव।

जागरण संवाददाता, पटना सिटी : 500 बेड वाले कोविड अस्पताल एनएमसीएच में अभी 125 मरीज भर्ती हैं। इनके इलाज, जांच से लेकर चिकित्सकीय सेवा एवं व्यवस्था में लगभग दो हजार स्वास्थ्य कर्मी लगे हैं। इनमें 750 डॉक्टर और 480 नर्स शामिल हैं। कोरोना मरीजों की लगातार घट रही संख्या पर नजर रख रहे अस्पताल प्रशासन का कहना है कि एक सप्ताह तक यदि एक सौ या उससे कम मरीज की संख्या बनी रही तो चिकित्सा व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। सामान्य मरीजों के हित में कई फैसले लिए जाएंगे।

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कोरोना मरीजों की घटती संख्या पर नजर

अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि अन्य मरीजों को चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही पोस्ट कोविड ओपीडी और टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई है। इनमें कई डॉक्टरों को लगाया गया है। इन दोनों सेवाओं की उपयोगिता को देखते हुए जल्द ही और डॉक्टर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों की घटती संख्या पर नजर रखी जा रही है।

125 मरीजों की सेवा में बड़ी संख्या में स्टॉफ

अस्पताल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार एनएमसीएच में क्लीनिकल साइड में 136 और नॉन क्लीनिकल साइड में 95 सीनियर डॉक्टर कार्यरत हैं। सीनियर रेजिडेंट और मेडिकल ऑफिसर 139, पीजी छात्र 226, जांच कार्य में 27 डॉक्टर, एमबीबीएस छात्र 99, नव नियुक्त जूनियर रेजिडेंट 25 कार्यरत हैं। इनके अतिरिक्त 479 नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ 52, चतुर्थ वर्गीय स्टाफ 113, वार्ड बॉय 200, हाउस कीपिंग स्टाफ 425 सेवारत हैं। निजी सुरक्षा कर्मियों की संख्या दो सौ से अधिक है। यह सभी कोरोना के भर्ती 125 मरीजों की सेवा में लगे हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि कोरोना मरीजों की संख्या घटने पर सभी इमरजेंसी को सबसे पहले कोरोना मुक्त किया जाएगा। बचे कोरोना मरीजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर स्थित नवनिर्मित मदर एण्ड चाइल्ड हॉस्पिटल में एक जगह शिफ्ट कर अस्पताल के सभी विभाग को सामान्य मरीजों के लिए चालू करने की योजना है।


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