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Durga Puja 2020: पटना के बंगाली अखाड़े में आज खुलेगा मां की प्रतिमा का पट, नहीं होंगे कई कार्यक्रम

Durga Puja 2020 शारदीय नवरात्र के मौके पर बंगाली समुदाय से जुड़े लोगों ने बुधवार को कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की पूजा शुरू की। गुरुवार को षष्ठी पूजा के बाद शाम में मां की प्रतिमा का पट भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।

By Edited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 10:04 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 05:38 PM (IST)
Durga Puja 2020: पटना के बंगाली अखाड़े में आज खुलेगा मां की प्रतिमा का पट, नहीं होंगे कई कार्यक्रम
बंगाली अखाड़े में आज ही खुलेगा मां की प्रतिमा का पट

पटना, जेएनएन। Durga Puja 2020: शारदीय नवरात्र के मौके पर बंगाली समुदाय से जुड़े लोगों ने बुधवार को कलश स्थापना के साथ पांच दिवसीय पूजा आरंभ कर दी। शहर के बंगाली अखाड़ा, यारपुर स्थित कालीबाड़ी मंदिर परिसर, बोरिंग रोड स्थित बसंत बिहार कॉलोनी सहित अनेक जगह बोधन पूजा के साथ पांच दिवसीय अनुष्ठान शुरू हुआ। यारपुर स्थित कालीबाड़ी मंदिर के संयुक्त सचिव अशोक चक्रवर्ती ने बताया कि गुरुवार को षष्ठी पूजा के बाद शाम में मां की प्रतिमा का पट भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि, इस बार कई कार्यक्रम नहीं होंगे।

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उन्होंने बताया कि इस वर्ष धुनुची नृत्य और सिंदुर खेला आदि कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे। भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण भी नहीं होगा।

बुधवार को बोधन पूजा के दौरान गौतम बोस, दिलीप कुमार सेन गुप्ता, शुभेन मुखर्जी, देवप्रिया घोष मौजूद थे। बंगाली अखाड़ा में मां काली की छोटी प्रतिमा स्थापित कर भक्तों ने पूजा-अर्चना की। बंगाली अखाड़ा के अशोक घोषाल ने बताया कि कोरोना काल के कारण इस बार पंडाल का निर्माण नहीं हो सका। गुरुवार 22 अक्टूबर को षष्ठी पूजा करने के साथ शाम में देवी को आमंत्रण एवं अधिवास पूजा होने के साथ मां की प्रतिमा का पट खोल दिया जाएगा।

शुक्रवार 23 अक्टूबर को नवपत्रिका प्रवेश तथा महासप्तमी पूजा का शुभारंभ होगा। शनिवार 24 अक्टूबर को महाष्टमी की पूजा के साथ संधि पूजा होगी। रविवार 25 अक्टूबर को महानवमी का पूजा होने के साथ 26 अक्टूबर को पूजा का समापन एवं कलश का विसर्जन होगा।

30 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा रात आठ बजे एवं 14 नवंबर को कालीपूजा मंदिर में होगी। बो¨रग रोड स्थित वसंत बिहार कॉलोनी में बंगाली समुदाय के लोगों ने कलश स्थापित कर मां की पूजा की। पूजा समिति के सचिव आलोक नंदी ने बताया कि यहां पर 42 सालों से पूजा होते रही है। इस बार मां की छोटी प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जा रही है।


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