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मां व शिशु की मौत का बताना होगा कारण, केंद्र सरकार की वेबसाइट पर बिहार से अपलोड होंगे आंकड़े

राज्यों में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए मातृ-शिशु की मृत्यु के कारणों को मैटरनल पेरिनेटल चाइल्ड डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस (Maternal and perinatal death surveillance and response) वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा ताकि मातृ-शिशु मृत्यु के आंकड़ों में कमी लाई जा सके।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 05:39 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 05:39 PM (IST)
मां व शिशु की मौत का बताना होगा कारण, केंद्र सरकार की वेबसाइट पर बिहार से अपलोड होंगे आंकड़े
मातृ-शिशु मृत्‍यु दर में कमी लाएगी सरकार। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। राज्यों में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए मातृ-शिशु की मृत्यु के कारणों को मैटरनल पेरिनेटल चाइल्ड डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस (Maternal and perinatal death surveillance and response) वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। ताकि मातृ-शिशु मृत्यु के आंकड़ों में कमी लाई जा सके। यह जानकारी बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने दी।

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केंद्र सरकार की वेबसाइट पर अपलोड होंगे आंकड़े

मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने गत माह 29 एवं 30 अक्टूबर को दिल्ली में एक वेबसाइट लांच की है। राज्य में शीघ्र इससे संबंधित आंकड़ों को अपलोड करने की प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी। ऐसा करने से राज्य के स्वास्थ्य महकमे में खासकर मातृ स्वास्थ्य व नवजात स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक बदलाव लाया जा सकेगा। इसके लिए राज्य से कुछ लोगों ने लांचिंग प्रोग्राम में जाकर ट्रेनिंग प्राप्त की है। उन्हें ये बताया गया कि किस प्रकार साइट पर जानकारियां अपलोड की जाएंगी।  जिन लोगों ने ट्रेनिंग हासिल की, उनके द्वारा राज्य में एक ऑनलाइन ट्रेनिंग सभी जिलों के नोडल पदाधिकारी को दी जा चुकी है। जब राज्य के सभी स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रेनिंग उपलब्ध करा दी जाएगी तो वो संबंधित डाटा को संग्रह कर अपलोड करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर सकेंगे। 

जन्‍म के 42 दिनों के भीतर मौत का बताएंगे कारण 

जो मां नवजात को जन्म देती है उसके जन्म से 42 दिनों के भीतर होने वाले मृत्य के कारणों को अपलोड किया जाएगा। जिससे आने वाले समय में ऐसी मौत में कमी लायी जा सके। जिन लोगों ने केंद्रीय टीम से ट्रेनिंग ली उनमें एसकेएमसीएच की प्रसूती विभाग की एचओडी, पीएमसीएच की एक एसोसिएट प्रोफेसर, एचएमआइएस (हेल्थ् मैनेजमेंट इन्फारमेशन सिस्टम), राज्य स्वास्थ्य समिति के इंचार्ज व पेडियोट्रिक से भी कुछ लोगों ने ट्रेनिंग प्राप्त की है।

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