आशियाना की झुग्गियां शराब धंधेबाजों के लिए थीं सुरक्षा कवच, 32 बार छापेमारी के बाद भी नहीं आई दुर्गंध
दो दिन पहले आशियाना मोड़ के पास कब्जा हटाने पहुंची टीम के निशाने पर पहले से मुसहर टोली नहीं थी लेकिन वहां जो मिला वो चौंकाने वाला था।
श्रवण कुमार, पटना। आशियाना नगर मोड़ के उत्तरी भाग स्थित मुसहर टोली की झुग्गी-झोपडिय़ां शराब के धंधेबाजों के लिए सुरक्षा कवच बनी हुई थीं। बुधवार को आशियाना मोड़ के पास कब्जा हटाने पहुंची टीम के निशाने पर पहले से मुसहर टोली नहीं थी। जब टीम में शामिल अधिकारियों को दुर्गंध महसूस हुई, तब जाकर अंदर तक देखा गया। मुसहर टोली की पोल खुली और शराब की भट्ठी का उद्भेदन हो गया।
गरीबी और झोपड़पट्टीवासी होने की सहानुभूति मुसहरटोली के लोगों को हमेशा मिलती रही है। बुधवार को भी जब झोपड़ी हटाई जाने लगी तब वार्ड स्तर के एक जनप्रतिनिधि का करीबी होने का दावा करने वाले शख्स ने धौंस दिखाया। मौके पर आयुक्त एवं अन्य बड़े अधिकारियों के स्थल पर मौजूद रहने के कारण उसकी एक न चल सकी। शराब की भट्ठी मिलने के बाद कब्जा वाली पूरी मुसहर टोली पर बुलडोजर चल गया।
आयुक्त के फरमान के बाद कार्रवाई की हो रही औपचारिकता
शराब के धंधे में 'मिलीभगत' का जबरदस्त खेल सामने आ रहा है। हाल यह है कि प्रमंडल के शीर्ष अधिकारी का फरमान के बाद भी स्थल पर मौजूद शराब बनाने की सामग्री और पूरी शराब को जब्त नहीं किया जा सका। माफिया ने सामान को आग के हवाले कर सबूत ही नष्ट करने का प्रयास किया है।
बुधवार को बड़ी कार्रवाई के बाद भी महज 450 किलो जावा महुआ ही उत्पाद की टीम जब्त कर सकी। इधर, स्थानीय थाने ने राजू मांझी और विजय मांझी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करते हुए उनकी गिरफ्तारी कर औपचारिकता निभा ली।
छापेमारी और गिरफ्तारी धंधेबाजों के लिए आम घटना
मुसहर टोली के शराब धंधेबाजों के लिए प्रशासन और पुलिस की छापेमारी और गिरफ्तारी आम घटना हो गई है। पटना के सहायक आयुक्त उत्पाद प्रह्लाद प्रसाद भूषण ने बताया कि मुसहर टोली में 2018-19 में 16 बार छापेमारी की गई है। 16 प्राथमिकी दर्ज कर 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 2019-20 में भी 16 बार छापेमारी करते हुए 16 प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। 13 लोगों की गिरफ्तारी अब से पहले हो चुकी है। इस स्थल से 175 लीटर चुलाई शराब और 8200 किलो महुआ जब्त किया जा चुका है।
उत्पाद के पास टीम ही नहीं, कैसे होगी शराबबंदी
पटना की उत्पाद टीम ही पंगु है। विभागीय सूत्रों की मानें तो यहां अवर निरीक्षक मद्य निषेध के 18 और सहायक अवर निरीक्षक मद्य निषेध के 27 पद स्वीकृत हैं। अभी अवर निरीक्षक मद्य निषेध के मात्र तीन और सहायक अवर निरीक्षक मद्य निषेध के सात पदों पर ही अधिकारी विराजमान हैं। शेष पद खाली है। ऐसे में शराब के अवैध धंधे पर अंकुश लगाना टेढ़ी खीर है।